सीजी भास्कर, 26 मई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार सड़क सुरक्षा और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर है। इसी के तहत यह अनूठा अभियान चलाया जा रहा है, जो ‘हर नागरिक एक रक्षक’ की भावना को मजबूती देगा। प्रशिक्षण के बाद रैपिडो कैप्टन सिर्फ सवारी नहीं पहुंचाएंगे, बल्कि जरूरत पड़ने पर किसी की जान बचाने में भी सक्षम होंगे।
क्यों है यह प्रशिक्षण जरूरी?
भारत में हर साल 1.5 लाख से ज्यादा लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाते हैं. यानी हर दिन औसतन 400 से ज्यादा मौतें, जिनमें से कई सिर्फ इसलिए होती हैं क्योंकि समय रहते उन्हें प्राथमिक इलाज नहीं मिल पाता। रैपिडो बाइक चालकों की गिनती हजारों में है और ये हर रोज सड़कों पर रहते हैं। ऐसे में यह प्रशिक्षण उन्हें आपातकालीन स्थिति में “पहला मददगार” बना देगा।
क्या सिखाया जाएगा प्रशिक्षण में?
CPR कैसे देना है
ब्लीडिंग कंट्रोल यानी खून बहने से कैसे रोका जाए
फर्स्ट एड किट का सही इस्तेमाल
इमरजेंसी नंबर और प्रक्रिया की जानकारी
सड़क सुरक्षा के जरूरी उपाय
इस अभियान का संचालन सोसाइटी ऑफ एक्यूट केयर, ट्रॉमा एंड इमरजेंसी मेडिसिन (SACTEM) और रैपिडो मिलकर कर रहे हैं। सेक्टम के फाउंडर डॉ. लोकेन्द्र गुप्ता ने बताया कि यह मिशन “एक दिन, एक राष्ट्र, एक लक्ष्य” के संकल्प के साथ शुरू किया जा रहा है, जो न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि देशभर में सड़क सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इससे पहले योगी सरकार स्कूलों और पुलिस ट्रेनिंग सेंटरों में भी CPR का प्रशिक्षण दे चुकी है। अब रैपिडो कैप्टन जैसे “सड़क के सिपाही” तैयार कर सरकार यह दिखा रही है कि हर नागरिक को जागरूक और सक्षम बनाकर हजारों जिंदगियां बचाई जा सकती है।
UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने के लिए अब आम नागरिकों को भी जीवन रक्षक बना रही है। इस कड़ी में राजधानी लखनऊ में 27 मई को विश्व इमरजेंसी मेडिसिन दिवस के अवसर पर रैपिडो बाइक टैक्सी के 1200 चालकों को CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) और फर्स्ट एड यानी प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण मेदांता हॉस्पिटल (शहीद पथ) में आयोजित होगा। जिसमें देश के 16 राज्यों से आए डॉक्टर्स और विशेषज्ञ भाग लेंगे।