25 मार्च 2025 :
ईद के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के मुसलमान को सौगात-ए-मोदी देने की घोषणा की है। भाजपा की इस घोषणा के बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई है। पक्ष और विपक्ष के नेता अपने तरीके से इसे लेकर बयान दे रहे हैं। बता दें कि इस योजना के जरिए 32 लाख गरीब मुसलमानों को मदद देने की बात कही गई है।
आरजेडी ने पीएम मोदी पर बोला हमला
सौगात-ए-मोदी की घोषणा के बाद मंगलवार को विधानसभा परिसर में राष्ट्रीय जनता दल के नेता व विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा,भाजपा की घोषणा चुनाव के पहले मुसलमानों को अपने तरफ करने की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं।
उन्होंने कहा कि भाजपा का काम देश मे लोगों को लड़ाना है। वह इसके अलावा कुछ और नहीं कर सकती है। उन्होंने इस घोषणा को पीएम मोदी का चुनावी पैंतरा बताया है।
राजद के साथ ही भाकपा माले ने भी मोदी की सौगात-ए-मोदी घोषणा का विरोध किया है। भाकपा माले विधायक महबूब आलम ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल्पसंख्यकों को ठग रहे हैं। वह उनका टारगेट कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ठीक है आप सौगात देते हैं तो हम आपका शुक्रिया अदा करते हैं लेकिन आपको मुसलमानों के प्रति अपना परसेप्शन बदलना होगा। वरना देश का मुसलमान हमेशा खुद को ठगा हुआ पाएगा।
इस पूरे मामले पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक लखिन्द्र पासवान ने कहा कि पीएम मोदी की घोषणा का सीधा मतलब मुसलमान और हिंदुओं को एकता के सूत्र में बांधना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 32 लाख से अधिक मुसलमान के लिए जो घोषणा की है उसकी जितनी सराहना की जाए वह कम है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी का एक ही फार्मूला है सबका साथ सबका विकास। भाजपा सरकार अपने इसी फार्मूले पर चल रही है और इसी कड़ी में सौगात-ए-मोदी का एलान किया गया है।
क्या है सौगात-ए-मोदी योजना?
सौगात ए मोदी योजना भारतीय जनता पार्टी द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है जिसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के बीच कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देना है। अधिक जानकारी के लिए, आप एक सर्च इंजन पर खोज कर सकते हैं।
इस अभियान के तहत केंद्र सरकार ने 32 लाख मुस्लिम परिवारों तक पहुंचने और 3 हजार मस्जिदों को सहयोग करने की योजना बनाई है। इस योजना को अब विपक्षी दल चुनावी पैंतरा बता रहे हैं।