सीजी भास्कर, 06 जुलाई। एक वसूली एजेंट ने ऋण के पैसे बैंक में जमा करने के नाम पर महिलाओं से 1 करोड़ 40 लाख रुपए ठग लिए और फरार हो गया। इसका खुलासा तब हुआ, जब पैसे वापसी को लेकर महिलाओं को बैंक से नोटिस भेजा गया।
बिहार के भागलपुर के नवगछिया में धोखाधड़ी का रह बड़ा मामला सामने आया है। नवगछिया बाजार के केनरा बैंक में जमकर हंगामा हुआ। तीन दर्जन से अधिक महिलाएं अचानक बैंक प्रबंधक के चैंबर में घुसीं और बवाल मचा दिया।
लोन वापस नहीं मिलने पर बैंक द्वारा समूह की महिलाओं को नोटिस भेजा गया था। जब महिलाएं बैंक पहुंचीं तो पता चला कि पैसा ही जमा नहीं किया गया है, जिससे महिलाएं उग्र हो गईं।
उन्हे पता चला वसूली एजेंट 1 करोड़ 40 लाख लेकर फरार हो गया है।
मिली जानकारी के अनुसार एनजीओ समाज उन्नति केंद्र में महिलाओं को केनरा बैंक के माध्यम से ऋण (Loan) दिलाया जाता था। एक समूह में 5 से 6 महिलाएं होती थीं।
प्रत्येक महिलाओं को एक लाख से 2 लाख तक बैंक से एनजीओ द्वारा ऋण दिलाया जाता था। एनजीओ के एजेंट समूह की महिलाओं से ऋण वसूली कर बैंक में जमा करते थे, लेकिन यहां तो एजेंट ही ऋण वसूली का रुपया लेकर फरार हो गया।
ऋण वापस नहीं मिलने पर बैंक द्वारा समूह की महिलाओं को जब नोटिस जारी किया गया तो महिलाओं के पैरों तले जमीन खिसक गई। नोटिस मिलने के बाद महिलाएं बैंक पहुंचीं और हंगामा खड़ा कर दिया।
महिलाओं का कहना था कि हम लोग प्रत्येक महीने लोन की राशि एजेंट के माध्यम से जमा करते थे। एजेंट वसूली करने के लिए आता था। हम लोगों ने पैसे जमा कर दिए थे।
बावजूद अब भी बैंक में ऋण का रुपया बकाया दिखाया जा रहा है। महिलाओं का आरोप है कि बैंक मैनेजर की मिली भगत से एजेंट रुपए का गबन किया है।
कैसे हुई ठगी?
मामले को लेकर बैंक के मैनेजर इमरान सिद्दीकी ने बताया कि हमारे यहां पर 95 लोन हुए थे। उस समय मैं ब्रांच में था। समाज उन्नति केंद्र के दो एजेंट अमरेश और संजीत किस्त इकट्ठा करते थे और ला कर बैंक में जमा करते थे।
एक साल के बाद उन्होंने किसी का चार किस्त किसी का पांच किस्त लेकर यहां पर जमा नहीं किया। उसकी वजह से अब सब अकाउंट एलपी हो रहा है। जो मेन मेंबर होते हैं, अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, उनके सिविल स्कोर पर भी असर पड़ रहा है।