सीजी भास्कर, 31 जुलाई |
बिलासपुर:
छत्तीसगढ़ के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में अब तक 600 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके बिलासपुर को पूरी तरह हाईटेक बनाने का सपना अधूरा है। शहर की कई प्रमुख सुविधाएं आज भी विश्वस्तरीय मापदंडों से कोसों दूर हैं। अब प्रशासन ने नई पहल करते हुए जनसहभागिता से CCTV नेटवर्क तैयार करने की योजना बनाई है, जिसमें संचालन की जिम्मेदारी आम नागरिकों की कमेटी को सौंपी जाएगी।
क्या है योजना?
प्रशासन ने फैसला लिया है कि बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र के हर गली, हर मोड़ पर CCTV कैमरे लगाए जाएंगे, जिनकी मॉनिटरिंग आईटीएमएस की तर्ज पर इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) से की जाएगी। खास बात यह है कि इसका संचालन अब सरकार नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों की एक पंजीकृत कमेटी करेगी।
कमेटी में होंगे ये लोग:
- समाज के अलग-अलग वर्गों के प्रतिनिधि
- तकनीकी विशेषज्ञ
- व्यापारी, सामाजिक संगठन और आम नागरिक
अपराधियों की अब खैर नहीं
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बताया कि इस व्यवस्था से शहर में अपराध रोकने और सबूत जुटाने में आसानी होगी। CCTV फुटेज का इस्तेमाल न्यायालयीन प्रक्रिया में भी प्रभावी रहेगा। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि जैसे स्वच्छता अभियान में लोगों ने साथ दिया, वैसे ही इस सुरक्षा अभियान को भी सफल बनाएं।
अभी तक लगे हैं 523 कैमरे
निगम कमिश्नर अमित कुमार ने बताया कि वर्तमान में शहर के 23 प्रमुख चौराहों पर 523 स्मार्ट कैमरे लगे हैं जो ट्रैफिक व्यवस्था को संभाल रहे हैं। लेकिन अब पूरे शहर को कैमरों के ग्रिड से जोड़ने की जरूरत है, खासकर आउटर एरिया में।
क्या होगा अगला कदम?
- नागरिक कमेटी को रजिस्टर्ड किया जाएगा
- तकनीकी टीम के साथ मिलकर DPR (Detailed Project Report) तैयार की जाएगी
- बजट, स्थान चयन और निगरानी से जुड़े निर्णय कमेटी लेगी
- पूरे शहर को एक सुरक्षा नेटवर्क से जोड़ने का लक्ष्य होगा
जनता का कैमरा, जनता की निगरानी
बिलासपुर अब स्मार्ट सिटी की नई परिभाषा गढ़ने जा रहा है – जहां सुरक्षा सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी होगी।