सीजी भास्कर, 16 जुलाई |
बिलासपुर, छत्तीसगढ़
बिलासपुर शहर इन दिनों भीषण बिजली संकट से जूझ रहा है। न तो तेज आंधी चल रही है, न ही जोरदार बारिश हो रही है—फिर भी शहर के बड़े हिस्सों में रोजाना घंटों बिजली गुल हो रही है। बिना पूर्व सूचना बिजली कटौती, फॉल्ट और मेंटेनेंस के नाम पर हो रही अघोषित परेशानी ने आम लोगों को परेशान कर दिया है।
दिन में मेंटेनेंस… रात में ब्रेकडाउन!
मंगलवार को सरकंडा इलाके में बिजली विभाग ने सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक “अति आवश्यक कार्य” का हवाला देकर बिजली बंद रखी। लेकिन शाम होते-होते 11 केवी फीडर में फॉल्ट आ गया और रात 11 बजे के बाद से बिजली फिर से गुल हो गई। उमस भरी गर्मी में लोगों की रातें छटपटाहट में गुजर रही हैं।
सब इंजीनियर संतोष देवांगन के मुताबिक, बंधवापारा फीडर में तकनीकी खराबी आई है और फॉल्ट खोजा जा रहा है। लेकिन रात 2 बजे तक भी सुधार नहीं हो सका।
बिजली अफसरों से संपर्क भी मुश्किल
बिजली कटौती के दौरान न तो कॉल सेंटर में कोई प्रतिक्रिया मिलती है और न ही ज़िम्मेदार अधिकारी फोन उठाते हैं। आम लोग VIP कॉलोनियों तक में अघोषित कटौती से परेशान हैं, लेकिन शिकायत का कोई असर नहीं हो रहा।
आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे पूरी व्यवस्था
बिजली कंपनी की पूरी ग्राउंड फोर्स आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे है। ऐसे में फॉल्ट की सही समय पर पहचान और सुधार का काम भी अनिश्चित हो जाता है। वहीं, मेंटेनेंस के नाम पर बार-बार दिन में बिजली काटना और रात में अचानक ब्रेकडाउन, दोनों ही स्थिति में लोगों को राहत नहीं मिल रही है।
भीषण गर्मी में बेहाल शहरवासी
जुलाई में बढ़ती उमस और तापमान ने लोगों को वैसे ही परेशान कर रखा है। ऐसे में रात 11 बजे के बाद अचानक बिजली गुल होना और घंटों इंतजार करना अब आम बात हो गई है।
लोगों की शिकायतें:
“बिजली गुल होने से बच्चों और बुजुर्गों को दिक्कत हो रही है, पंखा तक नहीं चल पा रहा“
“एक महीने से रोज बिजली जा रही है, न कोई टाइमिंग है, न कोई जवाब“
“रात में बिजली जाती है, तो कॉल करने पर कोई अफसर फोन भी नहीं उठाता“