सीजी भास्कर, 5 अगस्त 2025 : बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे की दयनीय स्थिति पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। हाईवे की मरम्मत में लापरवाही के चलते नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) के प्रोजेक्ट मैनेजर को कोर्ट ने नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि प्रोजेक्ट मैनेजर स्वयं उसी खराब सड़क मार्ग से यात्रा कर कोर्ट में पेश हों, ताकि उन्हें जनता की कठिनाइयों का अनुभव हो सके।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान एनएचएआइ के अधिवक्ता से तीखे सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा, मिस्टर धीरज वानखेड़े, आप तो रोज रायपुर जाते होंगे, क्या आपने इस हाईवे की स्थिति देखी है? कहा कि आम जनता की जान जोखिम में है। सड़क पर छोड़े गए मटेरियल के कारण वाहन चालकों को दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। मवेशी भी इस लापरवाही की चपेट में आकर सड़क दुर्घटनाओं में मारे जा रहे हैं।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब केवल औपचारिक एफिडेविट से बात नहीं बनेगी। जब तक संबंधित अधिकारी खुद सड़क पर सफर कर इसकी बदहाली को महसूस नहीं करेंगे, तब तक सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती। अगली सुनवाई मंगलवार को होगी, जिसमें प्रोजेक्ट मैनेजर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं। बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे राजधानी रायपुर और बिलासपुर को जोड़ने वाला करीब 120 किमी दूरी का महत्वपूर्ण मार्ग है।