सीजी भास्कर, 1 सितंबर : छत्तीसगढ़ भाजपा संगठन की रविवार को रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में एक दिवसीय मैराथन कार्यशाला (BJP Workshop) आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं ने नए पदाधिकारियों को संगठन और सरकार के बीच तालमेल बनाकर काम करने का तरीका बताया। इस कार्यशाला में भाजपा नेताओं ने पार्टी-सत्ता के समन्वय के महत्व पर जोर दिया और नए पदाधिकारियों को जनता से जुड़कर उनकी समस्याओं को समझने और समाधान करने का प्रशिक्षण दिया। यह प्रयास (BJP Organizational Training) पार्टी के संदेश को हर स्तर तक पहुंचाने के लिए किया गया।
सीनियर नेताओं ने यह भी सलाह दी कि नए पदाधिकारी संगठन की जिम्मेदारी समझें और सीनियर नेताओं की मदद से अनुभव का लाभ उठाएं। राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल और प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय सहित अन्य वरिष्ठ नेता इस कार्यशाला में मौजूद रहे।
राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता (BJP Workshop) हमेशा एक्टिव और इफेक्टिव रहते हैं। विषम परिस्थितियों में भी वे संगठन को मजबूती देते हैं। उन्होंने आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना बनाने और समाज के हर वर्ग को जोड़ने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नए पदाधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ने की बात कही और बताया कि भाजपा ने हजार दिन की कार्ययोजना तैयार की है, जिसमें विजन डॉक्यूमेंट के माध्यम से छत्तीसगढ़ के विकास का रोडमैप तय किया गया है।
राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने कहा कि भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ को संगठनात्मक लक्ष्यों की पूर्ति में अग्रणी बताया और सदस्यता अभियान की सफलता पर बधाई दी। प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने कहा कि विपक्ष अब झूठ फैलाने वाली एजेंसी बन गया है। उन्होंने सोशल मीडिया और आईटी सेल की भूमिका पर जोर दिया ताकि (BJP Organizational Training) के जरिए सरकार की योजनाएं और उपलब्धियां जनता, खासकर युवाओं तक पहुंच सकें।
कार्यशाला के अंत में वरिष्ठ नेताओं ने नवनियुक्त पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दी और आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस कार्यक्रम ने नए और पुराने पदाधिकारियों के बीच तालमेल और नेतृत्व क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।