सिडनी।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को शिखर तक पहुंचाने वाले महान कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज़ बॉब सिम्पसन का 16 अगस्त (शनिवार) को निधन हो गया। 89 वर्षीय सिम्पसन ने बतौर खिलाड़ी, कप्तान और कोच तीनों भूमिकाओं में क्रिकेट जगत पर गहरी छाप छोड़ी। उन्हें उस क्रिकेटर के रूप में याद किया जाता है, जिसने मुश्किल दौर से जूझ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम को वर्ल्ड क्लास टीम में बदलने में अहम योगदान दिया।
करियर में तिहरा शतक और दमदार प्रदर्शन
बॉब सिम्पसन ने अपने करियर में 62 टेस्ट मैच खेले और 4869 रन बनाए। उनका बल्लेबाजी औसत 46.81 रहा, जिसमें 10 शतक और 27 अर्धशतक शामिल हैं।
1964 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट में उन्होंने 311 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी, जिसे एशेज इतिहास की महानतम पारियों में गिना जाता है।
सिम्पसन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए दो वनडे मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 36 रन बनाए। वह केवल बल्लेबाज़ ही नहीं, बल्कि एक बेहतरीन स्लिप फील्डर और उपयोगी लेग स्पिनर भी थे। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 71 विकेट और वनडे में 2 विकेट अपने नाम किए।
कप्तानी और संन्यास से वापसी
सिम्पसन ने 1968 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। लेकिन कैरी पैकर वर्ल्ड सीरीज के दौर में ऑस्ट्रेलियाई टीम की स्थिति कमजोर होने पर उन्होंने दोबारा मैदान पर वापसी की और टीम की कमान संभाली।
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू दिसंबर 1957 में जोहानिसबर्ग टेस्ट (साउथ अफ्रीका) से किया था और आखिरी टेस्ट अप्रैल 1978 में किंग्स्टन (वेस्टइंडीज) में खेला।
कप्तान और कोच दोनों में साबित किए अपने हुनर
बॉब सिम्पसन ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की 39 टेस्ट मैचों में कप्तानी की। इसमें टीम ने 12 जीत, 12 हार और 15 ड्रॉ दर्ज किए। कप्तानी में उन्होंने दो वनडे भी खेले, जिसमें एक में जीत और एक में हार मिली।
बाद में बतौर कोच भी उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।