सीजी भास्कर, 8 जुलाई |
राजधानी रायपुर की नई और पुरानी सभी बड़ी आवासीय कालोनियों से निकलने वाले कचरे को प्रोसेस करने के लिए कालोनी के भीतर ही प्लांट लगाना होगा। वहां गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग करने के बाद उसे प्रोसेस करना होगा। यही नहीं, कालोनी से निकलने वाले सीवरेज के पानी को भी साफ करने के लिए कालोनी के भीतर ही एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) भी लगाना होगा।
ऐसा नहीं करने वाली कालोनियों के बिल्डर और कॉलोनाइजर के खिलाफ नगर निगम कार्रवाई करेगा। जिन कालोनियों को बिल्डर ने वहां की रहने वाली समितियों को हैंडओवर कर दिया है, वहां बिल्डर की जगह समितियों को व्यवस्था करनी होगी।
राजधानी रायपुर में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और नगर निगम से स्वीकृत सभी कालोनियों को कचरे की प्रोसेसिंग और सीवरेज वाटर को साफ करने के लिए एसटीपी लगाना अनिवार्य है। बिल्डरों और कॉलोनाइजर को लेआउट स्वीकृत कराने के दौरान ही एसटीपी और प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की सहमति देनी है। बहुत सी कालोनियों में बिल्डर ने अनुमति लेने के दौरान प्लांट लगाने की सहमति तो दी, लेकिन अब तक लगाया नहीं हैं।
सरकार के निर्देश के बाद निगम अब सभी कालोनियों की जांच करेगा। जांच में सभी कालोनियों में एक कचरा प्रोसेसिंग प्लांट और कालोनी से निकलने वाले गंदे पानी को साफ करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट होना जरूरी है। अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार के नगरीय प्रशासन विभाग ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिया है कि सभी कालोनियों की जांच की जाए।