सीजी भास्कर, 5 अगस्त 2025 : बिल्डर की लापरवाही से निर्माणाधीन कालोनी में गड्ढे में भरे बरसात के पानी में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई। रविवार को तीनों चाकलेट लेकर दुकान से लौट रहे थे और गड्ढे में गिरकर डूब गए। बिल्डर ने 40 दिन पहले जेसीबी से कालोनी में खोदाई कर छह फीट गहरा गड्ढा खुला छोड़ दिया था।
इसमें बरसात का पानी भरा था। 20 घंटे बाद सोमवार सुबह घर से सौ मीटर की दूरी पर तीनों के शव उतराते मिले। आक्रोशित स्वजन ने बागपत मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया। घंटों की मशक्तत के बाद पुलिस ने समझाकर जाम खुलवाया। पोस्टमार्टम के बाद शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सिवालखास निवासी हिम्मत सेटरिंग का काम करते हैं। आठ वर्षीय बेटे ऋतिक के जिद करने पर हिम्मत ने रविवार सुबह पांच रुपये दे दिए। वह चाकलेट लेने दुकान पर गया। वह पड़ोसी जितेंद्र की नौ वर्षीय बेटी मानवी और उसके भाई मोनू के आठ वर्षीय बेटे शिवांश उर्फ शिबू को भी साथ ले गया। घर से करीब दो सौ मीटर दूर दुकान से बच्चों ने चाकलेट खरीदी। वहां से तीनों निर्माणाधीन अनम गार्डन कालोनी से होकर जा रहे थे, जिसके बाद उनका पता नहीं चला। स्वजन ने ग्रामीणों के साथ शाम तक उनकी तलाश की, लेकिन पता नहीं चला। इसके बाद जानी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस के साथ मिलकर तड़के चार बजे तक ढूंढते रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली।
सोमवार सुबह छह बजे महिलाओं ने निर्माणाधीन कालोनी के प्लाट में बने गड्ढे में तीनों के शव देखे। स्वजन भी पहुंच गए। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया। मोनू ने शिबू को तहेरे भाई से गोद लिया था। पहले परिवार ने हत्या की आशंका जाहिर की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद सभी ने बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। एसएसपी डा. विपिन ताडा का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीनों बच्चों की डूबने से मौत होना आया है। बिल्डर की लापरवाही उजागर हो रही है। मुकदमे में बिल्डर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा बढ़ाकर गिरफ्तारी की जाएगी।