महिला कानून के दुरुपयोग को दंडनीय और लैंगिक भेदभाव वाले कानून में हो संशोधन-मांग
सीजी भास्कर, 15 दिसंबर। महिलाओं के लिए बने कानून के दुरुपयोग के विरुद्ध तथा पुरुष आयोग की मांग एवं पुरुषों के स्वास्थ्य एवं बढ़ती आत्महत्या दर के गंभीर विषय पर ध्यान देते हुए महिला कानून के दुरुपयोग को आवश्यक रूप से दंडनीय बनाते हुए लैंगिक भेदभाव वाले कानून को संशोधन कर जेंडर न्यूट्रल बनाये जाने की मांग मेंस राइट्स एसोसिएशन ने की है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने प्रेस वार्ता लेकर बताया कि संस्था की हर शनिवार को ओल्ड नेहरू नगर पार्क भिलाई में शाम 5 बजे मीटिंग होती है। वहां प्रताड़ित और पीड़ित लोगों को समस्या का समाधान बताया जाता है। प्रत्येक रविवार को शाम 5 बजे ऑनलाइन मीटिंग का भी आयोजन किया जाता है।
उन्होंने कहा कि अतुल सुभाष की घटना ने देश भर में साबित किया है कि समाज में किस तरह पुरुष प्रताड़ित हो रहा है। अतुल बैंग्लोर में एक प्राइवेट कंपनी में कार्य करने वाला एक होनहार AI इंजीनियर था, जिसने कानून के दुरूपयोग और उसके उत्पीड़कों के द्वारा उसे प्रताड़ित किये जाने के सम्बन्ध में लगभग 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो बनाकर तथा 24 पेज का अपना आत्महत्या पत्र लिखकर आत्महत्या कर लिया है। अतुल सुभाष ने अपने आत्महत्या पत्र और वीडियो में बताया है कि किस तरह महिलाओं के लिए बने कानून का दुरुपयोग उसकी पत्नी, सास, साला और ससुराल के अन्य सदस्यों द्वारा किया जा रहा था। उसके विरुद्ध झूठे मुकदमें दाखिल किया जा रहा था, उसे उसके साढ़े चार साल के बच्चे से मिलने भी नहीं दिया जाता था। अतुल जैसे प्रताड़ित पुरुष स्वयं और अपने परिजनों सहित एसोसिएशन की ओर से आज शाम 5 बजे सिविक सेंटर भिलाई में आयोजित कैंडल मार्च में भाग लेकर अतुल को श्रद्धांजलि देते हुए उसे न्याय दिलाने की मांग करेंगे।