CBSE Board Exam Twice a Year: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10वीं की परीक्षा साल में दो बार आयोजित करने का फैसला लिया है. साल 2026 से कक्षा 10वीं के छात्र बोर्ड एग्जाम दो बार दे सकेंगे. मसौदा नियमों के मुताबिक, 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा का पहला चरण 17 फरवरी से छह मार्च 2026 तक, जबकि दूसरा चरण पांच मई से 20 मई 2026 तक आयोजित किया जाएगा. पूरी परीक्षा प्रक्रिया 34 दिनों तक चलेगी, जिसमें 84 विषय शामिल होंगे. इस बीच छात्रों के मन में सवाल है कि अगर दूसरे बोर्ड एग्जाम में नंबर कम आए तो क्या होगा और किस आधार पर मार्कशीट बनेगी. आइए जानते हैं.
सबसे पहले तो यह समझिए कि छात्रों के पास ऑप्शन होगा कि वे एक एग्जाम देना चाहता है या दोनों एग्जाम देना चाहते हैं. मान लीजिए कि छात्र ने दोनों एग्जाम दिए हैं और दूसरे एग्जाम में उसके कम नंबर आए हैं तो ज्य़ादा अंक वाले एग्जाम को तवज्जो की जाएगी. अगर छात्र पहले एग्जाम में फेल हो जाता है तो उसे इम्प्रूवमेंट कैटगरी में रखा जाएगा और उसे फिर दूसरा एग्जाम देना होगा. याद रहे दोनों परीक्षाएं का पाठ्यक्रम एक ही होगा.
यानी कि छात्रों को इन दोनों परीक्षाओं में बैठने का मौका मिलेगा, हालांकि यह अनिवार्य नहीं है. अगर छात्र सिर्फ एक ही एग्जाम देना चाहता है तो वे किसी भी एक परीक्षा में बैठ सकता है. अगर पहली परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं होता, तो दूसरी परीक्षा में सुधार किया जा सकता है. परीक्षा का दबाव कम होगा, जिससे छात्र बिना टेंशन के पढ़ाई कर सकेंगे.
मार्कशीट में क्या क्या होगा?
अगर कोई छात्र पहला एग्जाम नहीं देता है और दूसरा देता है तो 11वीं मं एडमिशन के लिए उसकी दूसरी मार्कशीट को पूरी अहमियत दी जाएगी. अगर छात्र दोनों एग्जाम देता है तो मार्कशीट और पासिंग सर्टिफिकेट में दोनों एग्जाम के मार्क्स लिखे होंगे. इसके अलावा दोनों परीक्षाओं में जिस एग्जाम में छात्र को ज्यादा अंक आए होंगे उन्हें तवज्जो दी जाएगी. हालांकि सभी छात्रों को मेरिट सर्टिफिकेट दूसरी परीक्षा के बार इशू किया जाएगा.