रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई ने एक बार फिर हलचल मचा दी है। आरोपी चैतन्य बघेल को शुक्रवार को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अब वह 4 अगस्त 2025 तक रायपुर सेंट्रल जेल में रहेगा।
ED की बड़ी कार्रवाई: कैसे हुई गिरफ्तारी?
18 जुलाई को ईडी ने चैतन्य बघेल को उसके भिलाई स्थित घर से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश कर 5 दिन की रिमांड ली गई थी। इस दौरान ईडी ने शराब घोटाले में उसकी भूमिका, पैसे के लेन-देन, चैनलिंग और हवाला नेटवर्क को लेकर गहन पूछताछ की।
1000 करोड़ के घोटाले में बघेल की भूमिका
ईडी की चार्जशीट और पूछताछ में यह सामने आया है कि चैतन्य बघेल इस 1000 करोड़ से अधिक के शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग और कैश डिलीवरी नेटवर्क का अहम हिस्सा था।
बघेल पर आरोप है कि वह अवैध कमाई को एक जगह इकट्ठा करने, बड़े पैमाने पर कैश मूवमेंट कराने और घोटाले के किंगपिन्स तक पैसा पहुंचाने की मुख्य कड़ी रहा है।
पप्पू बंसल का बड़ा बयान: बघेल ने ही कैश डिलीवरी करवाई
घोटाले में सह आरोपी और शराब कारोबारी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल ने ईडी और EOW के सामने कबूल किया कि—
- उसने और चैतन्य बघेल ने मिलकर कैश इकट्ठा किया और ट्रांसफर करवाया।
- यह नकदी अनवर ढेबर के ज़रिए दीपेन चावड़ा और फिर राम गोपाल अग्रवाल तक पहुंचाई गई।
- बघेल के निर्देश पर ही 100 करोड़ रुपये की नकद डिलीवरी केके श्रीवास्तव को की गई।
तीन महीने में 136 करोड़ का मुनाफा
बंसल ने यह भी स्वीकार किया कि सिर्फ 3 महीनों में उसे 136 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। वहीं, ईडी को मिली मोबाइल चैट्स और डिजिटल सबूतों में यह पुष्टि होती है कि यह पूरा नेटवर्क एक सुनियोजित ढंग से चलाया जा रहा था, जिसकी सुपरविजन चैतन्य बघेल कर रहा था।
अब आगे क्या?
ईडी अब बघेल से पूछताछ में मिले इनपुट के आधार पर अन्य आरोपियों और बड़े नेताओं की भूमिका पर भी जांच तेज करने की तैयारी में है। अदालत द्वारा हिरासत मिलने के बाद संभावना है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़ी और बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।