सीजी भास्कर, 29 मार्च। साल का पहला सूर्य ग्रहण समाप्त हो चुका है, और अब 30 मार्च से चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) की शुरुआत हो रही है। इस वर्ष चैत्र नवरात्र 30 मार्च से 6 अप्रैल तक मनाए जाएंगे। पहले दिन घटस्थापना के साथ देवी की पूजा का संकल्प लिया जाता है। आइए जानते हैं कि घटस्थापना कैसे की जाएगी।
इस साल चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) के दौरान घटस्थापना या कलश स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं। पहला मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6:13 बजे से 10:22 बजे तक रहेगा। इसके बाद, दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना की जा सकती है।
ज्योतिषियों के अनुसार, 29 मार्च का सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया, इसलिए इसका यहां कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस कारण, 30 मार्च की सुबह साधक बिना किसी चिंता के देवी की चौकी लगाकर निर्धारित मुहूर्त में घटस्थापना कर सकते हैं।
29 मार्च की शाम को ग्रहण समाप्त होने के बाद, 30 मार्च की सुबह जल्दी उठें। पूरे घर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव अवश्य करें। स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें। तुलसी पर भी गंगाजल छिड़कें। इसके बाद, अपनी सामर्थ्य के अनुसार, गरीबों को भोजन या उपयोगी वस्तुएं दान करें। जिस स्थान पर आप देवी की चौकी और कलश स्थापित करने जा रहे हैं, वहां भी सफाई करें और गंगाजल छिड़कें। इसके बाद शुभ मुहूर्त में घटस्थापना करें।
चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) के लिए घटस्थापना हेतु कुछ आवश्यक सामग्री की आवश्यकता होती है, जैसे चौड़ी लकड़ी की चौकी, मुंह वाला मिट्टी का बर्तन, पवित्र स्थान की मिट्टी, 7 प्रकार के अनाज, कलश, गंगाजल, कलावा या मौली, सुपारी, आम या अशोक के पत्ते, अक्षत (साबुत चावल), जटा वाला नारियल, लाल कपड़ा, पुष्प और पुष्पमाला।
घटस्थापना के लिए सबसे पहले मिट्टी को एक चौड़े मुंह वाले बर्तन में डालें और उसमें सप्तधान्य बोएं। इसके बाद, एक कलश में जल भरकर उसे बर्तन के ऊपर रखें और कलश की गर्दन पर कलावा बांधें। फिर, आम या अशोक के पत्ते कलश के ऊपर रखें।
नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर और पत्तों के बीच में रखें, और सुनिश्चित करें कि नारियल में भी कलावा लिपटा हो। घटस्थापना के बाद देवी का आह्वान करें। आप चाहें तो अपनी इच्छानुसार अन्य विधिवत पूजा भी कर सकते हैं।