सीजी भास्कर, 20 दिसंबर। चार माह से बंद पौष्टिक चना वितरण (Chana Allocation ) अब दिसंबर माह में फिर शुरू होने जा रहा है। जिले के बीपीएल परिवारों के लिए नागरिक आपूर्ति के गोदाम में भंडारित चना वितरण पौष्टिक चना वितरण किया जा रहा है। पुराने आपूर्तिकर्ता का स्टॉक समाप्त होने के कारण वितरण ठप था। शासन स्तर पर नए आपूर्तिकर्ता की तलाश थी। नए अनुबंध के बाद गोदाम में भंडारण प्रक्रिया शुरू हो गई है।
बीपीएल परिवारों को सस्ता राशन उपलब्ध कराना शासन की महत्वपूर्ण योजना है। अन्य जिलों में जहां केवल चावल और नमक ही दिया जा रहा है, वहीं आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में चना और शक्कर भी प्रदान करने का प्रावधान है। योजना को मूर्तरूप देने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्य की दुकानों का संचालन किया जा रहा है।
पौष्टिक चना वितरण (Chana Allocation) के लिए राज्य शासन की ओर से कृषक समितियों से प्रतिवर्ष अनुबंध किया जाता है। इस वर्ष जुलाई माह का ही भंडारण किया गया था। भाजपा की रमन सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी और तब से यह लगातार जारी है। अनुबंध में देरी के कारण पहले भी आपूर्ति बाधित रही है।
चावल, नमक और शक्कर की तुलना में चना वितरण पर सबसे अधिक आर्थिक व्यय होता है। दुकानों में फिलहाल केवल दिसंबर माह का चना ही उपलब्ध है। जिले में कुल 554 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं, जहां बीपीएल परिवारों के लिए प्रतिमाह 6,245 क्विंटल चना की खपत होगी। एक बीपीएल परिवार को मात्र दस रुपये में दो किलो चना दिया जाता है।
पौष्टिक आहार सुनिश्चित करने के लिए अहम
विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य जिला होने के कारण सरकार ने सुपोषण की चिंता करते हुए कोरबा जिले के सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ नाश्ते की भी व्यवस्था शुरू की है। यह पहल बीपीएल परिवारों और बच्चों के पौष्टिक आहार सुनिश्चित करने के लिए अहम है।
सहकारी खाद्यान्न आवंटन को सुविधाजनक बनाने के लिए जिले के 152 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य दुकानों के नए भवन का निर्माण किया जाएगा। जिला खाद्य विभाग ने चिन्हित गांवों की सूची जिला पंचायत को सौंप दी है। पुराने किराए के मकानों पर निर्भर रहने के कारण बार-बार दुकान बदलनी पड़ती थी। नए भवनों के बनने से वितरण प्रणाली में सुधार आएगा।
अरहर दाल का दाम 115 रुपये प्रति किलो
खुले बाजार में अरहर दाल का दाम 115 रुपये प्रति किलो है, वहीं चना 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। सरकारी उचित मूल्य दुकानों में चना वितरण बंद होने के कारण निजी दुकानों में कालाबाजारी शुरू हो गई थी। अरहर, चना के अलावा उड़द, मसूर और मूंग जैसे दालों के दामों में भी वृद्धि देखी जा रही है। आवंटन के फिर से शुरू होने से ना केवल हितग्राहियों को राहत मिलेगी बल्कि खुले बाजार में दलहन के दामों पर नियंत्रण भी संभव होगा। इस प्रकार जिले में पौष्टिक चना वितरण (Chana Allocation ) योजना पुनः सही दिशा में आगे बढ़ रही है।


