सीजी भास्कर 13 नवम्बर Chhattisgarh Ghar Wapsi 2025: कबीरधाम के वनांचल में गूंजा ‘घर वापसी’ का जयघोष
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में बुधवार को एक ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला, जब 41 आदिवासी परिवारों के कुल 125 सदस्यों (Tribal Families) ने दोबारा हिंदू धर्म (Hindu Religion) अपनाने का निर्णय लिया।
‘जनजाति संस्कृति और गौरव का जन-जागरण (Cultural Awakening)’ कार्यक्रम के मंच से हुई इस सामूहिक वापसी ने पूरे क्षेत्र में नई चर्चा छेड़ दी है।
इस मौके पर पंडरिया विधानसभा क्षेत्र की भाजपा विधायक भावना बोहरा (Bhavana Bohra) ने स्वयं सभी परिवारों के पैर धोकर उनका स्वागत किया और कहा—“ये कोई आंदोलन नहीं, अपनी जड़ों की ओर लौटने की अनुभूति है।”
Chhattisgarh Ghar Wapsi 2025: आदिवासियों ने कहा—अब लौटे हैं अपनी पहचान की ओर
वापस लौटे आदिवासी परिवारों का कहना है कि वे वर्षों से अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे थे, लेकिन अब उन्हें एहसास हो गया कि अपनी परंपरा (Tradition) से जुड़ना ही असली जीवन है।
कई लोगों ने बताया कि वे अब अपने पूर्वजों की पूजा-पद्धति और रीति-रिवाजों को फिर से अपनाने जा रहे हैं।
कार्यक्रम में पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि इस बार की घर वापसी (Ghar Wapsi) सिर्फ एक धार्मिक घटना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण की शुरुआत है।
Chhattisgarh Ghar Wapsi 2025: विधायक भावना बोहरा ने धोए चरण, जताया सम्मान
कार्यक्रम में सबसे भावुक पल तब आया जब विधायक भावना बोहरा ने घर लौटे सभी आदिवासी परिवारों के चरण धोए।
उन्होंने कहा, “हम किसी पर दबाव नहीं बना रहे, लोग स्वयं आस्था और संस्कृति से जुड़ने की इच्छा जता रहे हैं।”
भावना बोहरा ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने में भी करीब 80 लोगों ने इसी तरह घर वापसी (Homecoming) की थी और अब यह अभियान लगातार आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि अब जंगल क्षेत्रों से भी लोग संपर्क कर रहे हैं और अपनी परंपरा में लौटने की इच्छा जता रहे हैं।
Chhattisgarh Ghar Wapsi 2025: गांवों से जुड़ी आस्था की जड़ें फिर हरी हुईं
घर वापसी करने वाले परिवार मुख्य रूप से नेऊर, अमनिया, अमलीटोला, महिडबरा, खैरहापारा, कांदावानी, डफरापानी, दमगढ़ और बिरहुलडीह (Village List) जैसे वनांचल क्षेत्रों से हैं।
इन इलाकों में लंबे समय से सांस्कृतिक बदलाव के प्रभाव देखे जा रहे थे, लेकिन अब स्थानीय समुदायों में आस्था की पुनर्स्थापना (Faith Revival) का भाव जागा है।
ग्रामीणों का कहना है कि “हमने समझा कि हमारे पूर्वजों की परंपरा ही हमारी असली ताकत है, और अब हम उसे आगे बढ़ाएंगे।”
Chhattisgarh Ghar Wapsi 2025: सनातन संस्कृति को फिर मिली नई ऊर्जा
विधायक बोहरा ने अपने संबोधन में कहा कि आदिवासी समाज अब समझ चुका है कि उनकी संस्कृति (Culture) ही उनकी पहचान है। उन्होंने कहा—“हम आने वाली पीढ़ी को वो नहीं खोने देंगे, जो हमारे पूर्वजों ने हमें सौंपा है।”
उनके अनुसार, “यह किसी धर्मांतरण का जवाब नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान की पुनर्स्थापना है।”
अब इस अभियान की चर्चा पूरे कबीरधाम जिले से लेकर आसपास के क्षेत्रों में भी तेज़ी से फैल रही है।
