सीजी भास्कर, 2 जुलाई| Chhattisgarh Herbal Industry : छत्तीसगढ़, भारत में हर्बल और आयुर्वेदिक उत्पादों के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरने जा रहा है। मध्य भारत की सबसे बड़ी और सबसे आधुनिक केंद्रीय प्रसंस्करण इकाई भी दुर्ग जिले के जामगांव (एम) में स्थापना की गई है। यहां राज्य के वनों में उपलब्ध लघु वनोपजों का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण किया जाएगा। इस इकाई में हर वर्ष लगभग 50 करोड़ रूपए के आयुर्वेदिक औषधीय उत्पादों का उत्पादन एवं प्रसंस्करण किया जाएगा। यह प्रसंस्करण केंद्र छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा निर्मित किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा स्थानीय उद्यमियों को गुणवत्तायुक्त उत्पाद तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ के वनोत्पाद के प्रसंस्करण और वैल्यूएडिशन पर विशेष फोकस किया जा रहा (Chhattisgarh Herbal Industry)है। राज्य की नई उद्योग नीति में भी वनोपज प्रसंस्करण इकाईयों को थ्रस्ट सेक्टर में शामिल किया गया है तथा इसके लिए विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।
जामगांव में स्थापित की गई अत्याधुनिक केन्द्रीय प्रसंस्करण इकाई से फारेस्ट टू फार्मेसी मॉडल की शुरुआत हुई है। इस इकाई का मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने हाल में ही लोकार्पण किया है। यह प्रसंस्करण इकाई लगभग 27.87 एकड़ में फैला हुआ है। यहां फार्मास्युटिकल ग्रेड उपकरणों द्वारा आधुनिक ढंग से आयुर्वेदिक एवं हर्बल औषधियों का उत्पादन होगा।
इस इकाई में आयुर्वेदिक औषधियों के चूर्ण, सिरप, तेल, अवलेह एवं टैबलेट के रूप में उत्पादन, प्रसंस्करण तथा पैकेजिंग किया जायेगा। इस इकाई में मशीन स्थापना, संचालन तथा विपणन पीपीपी मोड पर किया (Chhattisgarh Herbal Industry)जाएगा। आयुर्वेदिक औषधि इकाई में 36.47 करोड़ रूपए की लागत से क्वॉरेंटाइन बिल्डिंग, प्री-प्रॉसेसिंग बिल्डिंग, मटेरियल स्टोरेज बिल्डिंग, मेन प्लांट बिल्डिंग आदि बनाए गए हैं।
हर्बल एक्सट्रैक्शन यूनिट 6.04 एकड़ में बनाई गई है, इसकी लागत 23.24 करोड़ रुपए है। इसमें आधुनिक मशीनरी के माध्यम से विभिन्न औषधीयों, वनस्पतियों से अर्क निकाले जाएंगे। इस यूनिट में गिलोय, कालमेघ, बहेड़ा, सफेद मूसली, जंगली हल्दी, गुड़मार, अश्वगंधा, शतावरी आदि महत्वपूर्ण औषधीय, वनस्पतियों से अर्क निकालकर उन्हें आयुर्वेदिक (Chhattisgarh Herbal Industry)औषधियों तथा अन्य वेलनेस उत्पादों के प्रसंस्करण व निर्माण में उपयोग किया जाएगा।
केंद्रीय प्रसंस्करण इकाई जामगांव में 2000 से अधिक स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। आदिवासी एवं वनवासी समुदायों के साथ ही महिलाओं को लघु वनोपजों के संग्रहण, प्राथमिक प्रसंस्करण कार्य में रोजगार और आय में वृद्धि के अवसर मिलेगा।