सीजी भास्कर, 05 नवंबर। प्रदेश में मंगलवार से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान की शुरुआत हो गई है। राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में बूथ लेवल अधिकारी (Chhattisgarh voter list) (बीएलओ) घर-घर जाकर गणना प्रपत्र (एन्यूमरेशन फार्म) वितरित कर रहे हैं, ताकि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रह जाए।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार ने बताया कि पुनरीक्षण के लिए अहर्ता तिथि 1 जनवरी 2026 निर्धारित की गई है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे नाम, पता और व्यक्तिगत विवरण की जांच अवश्य करें और किसी भी त्रुटि की स्थिति में संशोधन करवाएं।
मतदाता चाहें तो फार्म ऑफलाइन बीएलओ को सौंप सकते हैं या ऑनलाइन माध्यम से भी आवेदन जमा कर सकते हैं। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट voters.eci.gov.in या ईसीआइएनइटी मोबाइल ऐप का उपयोग किया जा सकता है। वहीं, “बुक अ कॉल विथ बीएलओ” फीचर के माध्यम से सीधे अधिकारी से संपर्क भी संभव है।
अगर आवेदन भरने में कोई कठिनाई हो, तो मतदाता टोल फ्री नंबर 1950 पर संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, जिला और तहसील स्तर पर हेल्प डेस्क व आईटी डेस्क स्थापित (Chhattisgarh voter list) किए गए हैं, जहां कार्यालयीन समय में अधिकारी और कर्मचारी मार्गदर्शन के लिए उपलब्ध रहेंगे।
चार दिसंबर तक चलेगा सर्वे, सात फरवरी को प्रकाशित होगी अंतिम सूची
चुनाव आयोग के अनुसार, यह पुनरीक्षण अभियान 4 दिसंबर तक चलेगा। इस अवधि में बीएलओ हर घर कम से कम तीन बार जाएंगे, ताकि कोई भी पात्र नागरिक छूट न जाए। जरूरत पड़ने पर दस्तावेजों का मिलान भी किया जाएगा।
मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन 9 दिसंबर को किया जाएगा। इसके बाद 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक दावा-आपत्ति दर्ज करने और उनके निराकरण की प्रक्रिया चलेगी। अंतिम सत्यापन 31 जनवरी तक पूरा किया जाएगा, और 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि अब तक 2003 से लेकर वर्तमान सूची तक लगभग 71 प्रतिशत डेटा का मिलान पूरा किया जा चुका है। साथ ही, 95 प्रतिशत नागरिकों को दस्तावेज (Chhattisgarh voter list) दिखाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सक्रिय अभियान
अभियान को लेकर जिलों में प्रशासन और निर्वाचन विभाग पूरी तरह सक्रिय है। ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में बीएलओ टीम लगातार लोगों तक पहुंच रही हैं। महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक और नए मतदाता इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं।
अधिकारियों का कहना है कि इस बार अभियान का फोकस “हर पात्र मतदाता तक पहुंच” पर रहेगा। जिन लोगों के नाम सूची में दर्ज नहीं हैं या पते में परिवर्तन हुआ है, वे आसानी से संशोधन या नाम जुड़वा सकते हैं।
