सीजी भास्कर, 24 जुलाई |
पेंड्रा, छत्तीसगढ़:
छत्तीसगढ़ का बेटा अब अंतरिक्ष की दुनिया में भारत का नाम रोशन करने जा रहा है। पेंड्रा के रहने वाले राजशेखर पैरी को अमेरिका की एक प्राइवेट एयरोस्पेस कंपनी “टाइटंस स्पेस इंडस्ट्रीज” के पहले मिशन के लिए चुना गया है। यह मौका न केवल उनके लिए बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और भारत के लिए गर्व की बात है।
19 साल की उम्र में भेजा था NASA को मेल, वहीं से खुला रास्ता
राजशेखर की अंतरिक्ष यात्रा की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। महज 19 साल की उम्र में उन्होंने NASA को एक ईमेल लिखा, जिसमें पूछा कि एक आम भारतीय छात्र कैसे एस्ट्रोनॉट बन सकता है। उम्मीद कम थी, लेकिन 4 दिन बाद जो जवाब आया उसने उनके सपनों को दिशा दे दी।
NASA ने विस्तार से बताया कि एस्ट्रोनॉट बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए, किन मेडिकल और साइकोलॉजिकल परीक्षाओं से गुजरना होता है, और किन जोखिमों के लिए तैयार रहना होता है। इसी जवाब ने राजशेखर के अंदर आत्मविश्वास की नई ऊर्जा भर दी।
राजशेखर कहते हैं: “उस एक मेल ने मेरी पूरी सोच बदल दी। तय कर लिया था—अब तो स्पेस में जाना ही है।”
कौन हैं राजशेखर पैरी?
- जन्मस्थान: पेंड्रा, छत्तीसगढ़
- शिक्षा: ऑक्सफोर्ड स्कूल से स्कूली पढ़ाई
- वर्तमान: एयरोस्पेस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र
- प्रोफेशनल अनुभव:
- “ऑर्बिटालॉकर” में प्रोजेक्ट मैनेजर – इंजीनियरिंग
- कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनेमिक्स में इंटर्नशिप
- नकली चंद्रमा मिशन (Mock Lunar Mission) में भागीदारी
- एनालॉग स्पेस ट्रेनिंग आवासों में ट्रेनिंग
कैसे हुआ चयन?
टाइटंस स्पेस इंडस्ट्रीज ने अपने पहले स्पेस मिशन के लिए राजशेखर का चयन कई कड़ी टेस्टिंग के बाद किया।
उन्होंने आर्टिफिशियल मिशन, स्पेस एनालॉग ट्रेनिंग और वर्चुअल स्पेस एनवायरनमेंट जैसी चुनौतियों को सफलतापूर्वक पार किया।