सीजी भास्कर, 16 अप्रैल |
छत्तीसगढ़ के धमतरी में बाल विवाह को बाल संरक्षण टीम ने सफलतापूर्वक रोक दिया। टीम को सूचना मिली थी कि क्षेत्र में एक नाबालिग लड़का और लड़की की शादी की तैयारियां चल रही हैं। जांच में पाया गया कि दोनों की उम्र 18 वर्ष से कम है। यह मामला लीलर आरौद गांव का है।
दरअसल, इस गांव के एक नाबालिग लड़की की शादी की तैयारी की जा रही थी। शादी के कार्ड बांटे जा रहे थे और 5 मई को बालोद जिले के गुरुर से बारात आने वाली थी। इसी दौरान जिला बाल संरक्षण को गांव में नाबालिग लड़की की शादी की सूचना मिली। इस पर टीम नाबालिग के घर पहुंची।
दस्तावेजों की जांच में लड़की की उम्र 18 साल से कम मिली
जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम ने लड़की के घर जाकर स्थिति का जायजा लिया और परिवार को कानून संबंधी जानकारी दी। टीम द्वारा लड़की की उम्र की पुष्टि के लिए शैक्षणिक प्रमाणपत्र और आंगनबाड़ी रिकॉर्ड की जांच की गई। दोनों ही दस्तावेजों के अनुसार, लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम पाई गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह बाल विवाह का मामला है।
मोबाइल से लड़के पक्ष को समझाया गया था
परिवार वालों को बताया गया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की की शादी करना कानूनन अपराध है, और इसमें शामिल व्यक्तियों के खिलाफ दो साल की सजा तथा जुर्माने का प्रावधान है। समझाइश मिलने के बाद लड़की के माता-पिता ने विवाह को स्थगित करने का निर्णय लिया। वहीं, लड़के पक्ष को भी मोबाइल के माध्यम से इस निर्णय की जानकारी दी गई।
टीम ने समझाने के बाद दोनों परिवारों ने शादी टाल दी
परिवार वालों को बताया गया कि लड़की की शादी के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और लड़के के लिए 21 वर्ष होनी चाहिए। इसके बाद दोनों परिवारों ने शादी टालने का निर्णय लिया।