सीजी भास्कर, 31 अगस्त : राजधानी रायपुर जिले के एक आवासीय विद्यालय के हॉस्टल में बच्चों के साथ हुई क्रूरता का मामला सामने आने के बाद बाल आयोग अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने तत्काल संज्ञान लिया और विद्यालय पहुंचकर पूरे मामले की जांच की। यह घटना शिक्षा व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा पर गहरी चिंता उत्पन्न करती है। आयोग ने साफ किया कि बाल अधिकार उल्लंघन (Child Rights Violation) किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, विद्यालय के हॉस्टल में पढ़ने वाले बच्चों ने आरोप लगाया कि भूगोल पढ़ाने वाले एक शिक्षक ने उन्हें मारपीट की। पीड़ित बच्चों में से एक छात्र के हाथ में मामूली फ्रैक्चर और पैर में चोटें आई हैं। विद्यालय की प्राचार्या ने तुरंत बच्चे का एक्सरे कराया, जिसमें हाथ में फ्रैक्चर और पैर में चोट का खुलासा हुआ।
बाल आयोग अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने मौके पर पीड़ित बच्चों से सीधी बातचीत की और विद्यालय प्रशासन से घटना की विस्तृत जानकारी ली। प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हुआ कि बच्चों पर शारीरिक हिंसा हुई है। डॉ. शर्मा ने कहा कि दोषी शिक्षक को निलंबित करने की अनुशंसा की जा रही है, ताकि आगे की जांच निष्पक्ष रूप से हो सके। यह कदम बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बाल अधिकार उल्लंघन (Child Rights Violation) की गंभीरता को दर्शाने के लिए उठाया गया है।
डॉ. शर्मा ने बयान जारी कर कहा कि बच्चों पर किसी भी प्रकार की हिंसा या मानसिक उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह घटना केवल विद्यालय की अनुशासनहीनता नहीं, बल्कि बाल अधिकार उल्लंघन (Child Rights Violation) का गंभीर मामला है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बाल कल्याण समिति रायपुर के एक सदस्य भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने बच्चों से बातचीत कर घटना के विभिन्न पहलुओं की जांच शुरू की। आयोग ने आश्वासन दिया कि पूरी घटना की त्वरित और निष्पक्ष जांच होगी और विस्तृत रिपोर्ट जल्द तैयार की जाएगी।
डॉ. शर्मा ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक भलाई का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई गईं, तो संबंधित विद्यालय और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे मामले ने समाज और अभिभावकों के बीच बाल अधिकार उल्लंघन (Child Rights Violation) को लेकर जागरूकता बढ़ा दी है।