सीजी भास्कर, 29 अगस्त। कोल लेव्ही वसूली मामले में पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव रह चुकी सौम्या चौरसिया की ज़मानत याचिका को हाईकोर्ट ने तीसरी बार खारिज कर दिया है। जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच ने यह निर्णय सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया। इस निर्णय की पुष्टि राज्य के उप महाधिवक्ता और ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ. सौरभ कुमार पांडेय ने की है।
आपको बता दें कि 570 करोड़ के कोल लेव्ही वसूली मामले में सौम्या चौरसिया के साथ ही आईएएस समीर बिश्नोई , रानू साहू व अन्य को ईडी ने गिरफ्तार किया था। कोल कारोबारियों से परिवहन व पीट पास जारी करने के एवज में प्रति टन के हिसाब से रुपए वसूले जाते थे। जो कारोबारी रकम नहीं देता था, उसे परिवहन पास नहीं दिया जाता था। इसे एक पूरे सिंडिकेट की तरह चलाया जाता था। सिंडिकेट का किंगपिंग कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया था। सूर्यकांत तिवारी को यह शक्ति सौम्या चौरसिया से प्राप्त होती थी। ईडी ने जांच के बाद सौम्या चौरसिया और दो आईएएस के अलावा अन्य को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
ईडी के अलावा ईओडब्ल्यू ने भी कोल घोटाले की जांच में सौम्या चौरसिया और उसके परिवार के द्वारा आय से अधिक 9 करोड़ 20 लाख रुपये की 29 अचल संपत्ति खरीदने की बात कही है। यह संपत्ति साल 2021 से 2022 के बीच खरीदी गई है। मामले में पीछे डेढ़ साल से सौम्या चौरसिया जेल में बंद है। उनकी दो बार पूर्व में जमानत याचिका रद्दखारिज हो चुकी है। अब सुप्रीम कोर्ट से आईएएस रानू साहू, दीपेश टांक को जमानत मिलने के आधार पर सौम्या चौरसिया ने तीसरी बार जमानत याचिका लगाई थी जिसमें उसके अधिवक्ता ने कहा था कि सौम्या चौरसिया पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद है, उनके छोटे बच्चे हैं, अभी प्रकरण की सुनवाई में काफी लंबा समय लगना है, सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले के तीन आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है, ऐसी स्थिति में सौम्या चौरसिया को भी जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए।