सीजी भास्कर 5 अगस्त
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस के विधायक और विधानसभा में उपनेता हेमंत कटारे को दुष्कर्म मामले में एक बार फिर कानूनी संकट का सामना करना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए केस की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच अब डीआईजी, भोपाल रेंज की निगरानी में की जाएगी। हालांकि फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी।
2018 में दर्ज हुआ था मामला
यह मामला वर्ष 2018 का है, जब भोपाल में पत्रकारिता की छात्रा ने हेमंत कटारे पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराई थी। जवाब में कटारे ने इसे राजनीतिक साजिश बताया था और लड़की के खिलाफ ब्लैकमेलिंग और फिरौती मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी।
हाई कोर्ट से राहत के बाद राज्य सरकार पहुंची थी सुप्रीम कोर्ट
इस केस में हाई कोर्ट ने हेमंत कटारे को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी और उन्हें जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था। लेकिन राज्य सरकार इस फैसले से संतुष्ट नहीं थी और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दाखिल की थी।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका पर विचार करते हुए नए सिरे से जांच का निर्देश दिया है, जिसमें साफ किया गया है कि जांच डीआईजी रैंक के अधिकारी की निगरानी में होगी। कोर्ट ने चार हफ्तों के भीतर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। इस दौरान हेमंत कटारे को जांच में सहयोग करना होगा, हालांकि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से ASG ने रखा पक्ष
सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। वहीं भाजपा नेता और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह पहले ही मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर मामले की दोबारा जांच की मांग कर चुके थे।
कटारे की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं
मामले पर हेमंत कटारे से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस बीच कांग्रेस पार्टी भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है।