सीजी भास्कर, 22 जून। अंतर्जातीय विवाह को लेकर एक मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाली घटना सामने आई है। गांव की एक युवती द्वारा अनुसूचित जाति के युवक से विवाह करने पर उसके परिवार को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा।
यह घटना न केवल सामाजिक रूप से चिंताजनक है बल्कि संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों और मानवाधिकारों का भी स्पष्ट उल्लंघन है।
विवाह, वह भी सहज सहमति से किया गया अंतरजातीय विवाह, भारतीय संविधान के तहत पूरी तरह मान्य है, ऐसे विवाहों के कारण परिवारों को शुद्धिकरण के नाम पर बलि और मुंडन जैसी कुप्रथाओं से गुजरने के लिए मजबूर करना अमानवीय और असंवैधानिक है।
इसके बाद गांव वालों ने लड़की के परिवार को तथाकथित शुद्धिकरण की प्रक्रिया से गुजरने के लिए मजबूर किया गया। मामला ओडिशा के रायगढ़ जिले के काशीपुर ब्लॉक के बैगनगुडा गांव का है।
इस प्रक्रिया के तहत जानवरों की बलि दी गई और परिवार के 40 सदस्यों का जबरन मुंडन कराया गया।
जानकारी के अनुसार, बैगनगुडा गांव की युवती ने प्रेम विवाह कर पास के ही एक गांव के अनुसूचित जाति समुदाय के युवक से विवाह कर लिया।
यह विवाह गांव के तथाकथित जातिगत मानदंडों के खिलाफ माना गया. विवाह के बाद युवती के परिवार और रिश्तेदारों को भारी सामाजिक दबाव का सामना करना पड़ा।
जबरन शुद्धिकरण, कराया मुंडन
ग्रामीणों ने युवती के परिवार पर दबाव बनाया कि अगर वे अपनी “जाति में वापसी” करना चाहते हैं, तो उन्हें पारंपरिक शुद्धिकरण प्रक्रिया से गुजरना होगा।
इस प्रक्रिया के तहत जानवरों की बलि दी गई और परिवार के 40 सदस्यों का जबरन मुंडन कराया गया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, समुदाय ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक परिवार को सामाजिक तौर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. दबाव में आकर लड़की के परिजनों और रिश्तेदारों ने इस अमानवीय और असंवैधानिक कृत्य को पूरा किया।
प्रशासन ने शुरू की जांच
घटना की जानकारी मिलते ही काशीपुर ब्लॉक के बीडीओ विजय सोय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने अधिकारियों को गांव में भेजकर जांच के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल प्रशासन की जांच जारी है और उम्मीद है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके.