रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कार्यरत संविदा शिक्षक और कर्मचारी एक बार फिर सड़कों पर उतरे। अपनी मांगों को लेकर उन्होंने प्रदेशभर में एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन में शिक्षकों ने साफ कहा कि अगर अब भी उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया, तो जल्द ही प्रदेश स्तरीय आंदोलन शुरू किया जाएगा।
वर्षों से कर रहे सेवा, फिर भी नहीं मिला उचित वेतनमान
संविदा शिक्षकों का कहना है कि वे बीते कई वर्षों से पूर्णकालिक सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अभी तक नियमित वेतनमान और सालाना वेतनवृद्धि जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पाईं। उनका कहना है कि जब वो सभी जिम्मेदारियाँ निभा रहे हैं, तो फिर असमान वेतन क्यों?
दो बड़ी मांगें: वेतनमान निर्धारण और नियमितीकरण
प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों के संगठन ने सरकार के सामने दो अहम मांगें रखीं:
- निश्चित वेतनमान और सालाना वेतनवृद्धि की व्यवस्था हो।
- शिक्षा विभाग में समावेशन कर नियमित नियुक्ति दी जाए।
संघ का कहना है कि अगर सरकार संविदा शिक्षकों को नियमित सेवा का दर्जा देती है, तो इससे न सिर्फ़ शिक्षकों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था भी और मजबूत होगी।
चेतावनी: अब नहीं झुकेंगे, जरूरत पड़ी तो होगा बड़ा आंदोलन
संघ ने साफ तौर पर कहा है कि अगर उनकी मांगों पर समय रहते ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो आगे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा, जिसकी ज़िम्मेदारी सरकार की होगी।
प्रदर्शन में कौन-कौन रहा शामिल?
इस सांकेतिक प्रदर्शन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से शिक्षक और कर्मचारी शामिल हुए। रायपुर में हुए प्रदर्शन की अगुवाई संघ संरक्षक तापस राय और प्रदेश अध्यक्ष दुर्योधन यादव ने की। प्रमुख रूप से संजीव कुमार, आकाश विश्वास, एसके यदु, चमन लाल देवांगन, पायल कश्यप, मनोज शर्मा, चंद्रकांत सिन्हा और युवराज मिश्रा जैसे नाम मौजूद रहे।