सीजी भास्कर, 02 जुलाई| Corruption Charges On Minister : मध्य प्रदेश में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता ने विभागीय मंत्री संपतिया उइके के खिलाफ कमीशन लेने के मामले में जांच शुरू करा दी, मगर मामले ने तूल पकड़ा तो अचानक यू टर्न लेते आरोपों को तथ्यहीन व मनगढ़ंत बता दिया। पूर्व विधायक व संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशोर समरीते ने मंत्री पर एक हजार करोड़ रुपये का कमीशन लेने का आरोप लगाया है।
बता दें कि मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद विभाग के प्रमुख अभियंता संजय कुमार अंधवान ने जांच के आदेश दिए थे। उधर, आरोपों पर मंत्री ने मंगलवार को जवाब दिया कि मैं बिल्कुल सही हूं, सांच को आंच नहीं। उधर, मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने शिकायत पर मंत्री की जांच के लिए निर्देश देने पर नाराजगी जताई।
उन्होंने कैबिनेट बैठक के बाद मंत्रियों और मुख्य सचिव (सीएस) अनुराग जैन के साथ अनौपचारिक चर्चा में कहा कि क्या अधिकारी किसी की भी शिकायत पर ऐसे ही जांच करा (Corruption Charges On Minister)देंगे। समरीते ने प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री की शिकायत भेजी थी, जो मुख्य सचिव कार्यालय भेजी गई थी। यहां से आवश्यक कार्रवाई के लिए इसे आगे बढ़ा दिया गया।
प्रमुख अभियंता ने सभी मुख्य अभियंता और जल निगम के परियोजना निदेशक को निर्देश देकर शिकायत पर सात दिन में जांच प्रतिवेदन मांग लिया। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट बैठक के बाद अनौपचारिक बैठक में अधिकारी द्वारा मंत्री की जांच के निर्देश देने की बात उठी।
मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि कोई शिकायत आई थी तो पहले बताया जाना चाहिए था। मंत्रियों ने भी इस बात का समर्थन (Corruption Charges On Minister)किया। अब इस मामले में प्रमुख अभियंता संजय कुमार अंधवान को उच्च स्तर से अनुमोदन लिए बिना पत्र जारी करने के मामले में नोटिस जारी करने की तैयारी है।
पूर्व विधायक ने की सीबीआइ जांच की मांग
पूर्व विधायक समरीते ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की है कि मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा दिए गए 30 हजार करोड़ रुपये का मंत्री, अधिकारी तथा ठेकेदारों ने दुरुपयोग किया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके ने एक हजार करोड़ रुपये कमीशन लिया है। बड़ी राशि कार्यपालन यंत्री मंडला मनोज भास्कर के माध्यम से ली (Corruption Charges On Minister)गई। विभाग के पूर्व प्रमुख अभियंता बीके सोनगरिया द्वारा ठेकेदारों से लगभग दो हजार करोड़ रुपये का कमीशन अपने एकाउंटेंट महेंद्र खरे के माध्यम से लिया गया। कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र भी फर्जी दिए गए। उन्होंने इस मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है।