सीजी भास्कर, 11 सितंबर। ऑनलाइन धोखाधड़ी(Cyber Fraud) के नए-नए तरीके सामने आते जा रहे हैं। इसी कड़ी में भिलाई नगर थाना क्षेत्र में एक बुजुर्ग (Online Scam) का शिकार हो गए। दरअसल, 69 वर्षीय वरुण कुमार श्रीवास्तव ने अपने स्पीड पोस्ट की स्थिति जानने के लिए एक एप डाउनलोड किया। लेकिन यह एप उनके लिए जाल साबित हुआ और देखते ही देखते 78 हजार रुपये उनके खाते से गायब हो गए।
पुलिस के अनुसार, वरुण कुमार श्रीवास्तव सेक्टर-7, सड़क 41, क्वार्टर नंबर-01, भिलाई के रहने वाले हैं। 4 सितंबर को उन्होंने अपने मोबाइल में एक एप डाउनलोड किया। इस एप के जरिए उन्होंने अपने स्पीड पोस्ट का (Live Tracking) नंबर – ईएम 362998633 आइएन – दर्ज किया। जानकारी मिली कि यह डाक हडपसर, पुणे में पेंडिंग है। इसके बाद उनके पास अलग-अलग नंबरों से व्हाट्सएप कॉल आए। कॉल करने वालों ने खुद को पोस्ट ऑफिस(Cyber Fraud) से जुड़ा अधिकारी बताया और विश्वास में लेकर उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजा।
जैसे ही वरुण कुमार ने उस लिंक को खोला, उनके आईसीआईसीआई बैंक अकाउंट से कुल 78,000 रुपये ट्रांसफर हो गए। पैसे गायब होने के बाद उन्हें समझ आया कि वे साइबर अपराधियों के जाल में फंस चुके हैं। इसके बाद उन्होंने तुरंत भिलाई नगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की कार्रवाई
भिलाई नगर पुलिस ने शिकायत पर संज्ञान लिया और धारा 318 (4) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। मामला (Cyber Fraud) का होने के कारण इसे विवेचना में लिया गया है। पुलिस आईटी विशेषज्ञों की मदद से ठगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। साथ ही, पीड़ित को आवश्यक कानूनी मदद उपलब्ध कराई जा रही है।
लगातार बढ़ रही है ऑनलाइन ठगी
विशेषज्ञों का कहना है कि बीते कुछ वर्षों में डिजिटल(Cyber Fraud) सेवाओं के विस्तार के साथ-साथ साइबर ठगी के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। ठग अक्सर ऐसे एप या लिंक तैयार करते हैं जो बिल्कुल असली जैसे दिखते हैं। लोग जब इन पर भरोसा कर अपनी व्यक्तिगत या बैंकिंग जानकारी डालते हैं, तो उनकी मेहनत की कमाई मिनटों में साफ हो जाती है। इस मामले में भी बुजुर्ग ने स्पीड पोस्ट की (Speed Post) जानकारी पाने के लिए एप डाउनलोड किया, लेकिन अनजाने में ठगों को अपने अकाउंट तक पहुंच दे बैठे।
जागरूकता ही बचाव
साइबर विशेषज्ञों का मानना है कि इंटरनेट पर किसी भी एप को डाउनलोड(Cyber Fraud) करने से पहले उसके असली होने की जांच करनी चाहिए। केवल सरकारी या आधिकारिक वेबसाइट/प्लेस्टोर से ही एप डाउनलोड करना सुरक्षित होता है। किसी अनजान लिंक या कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी या ओटीपी शेयर करने से बचना चाहिए। पुलिस ने भी अपील की है कि लोग ऐसी ठगी से सतर्क रहें। यदि कभी इस तरह की घटना होती है तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें। त्वरित शिकायत दर्ज कराने पर पैसों को रिकवर करने की संभावना बढ़ जाती है।