सीजी भास्कर, 7 नवंबर। तीन दिवसीय अर्बन मोबिलिटी इंडिया (यूएमआई) कॉन्फ्रेंस (Delhi Metro Global Expansion) शुक्रवार से साइबर सिटी में शुरू हुआ। शुभारंभ केंद्रीय आवासन, शहरी विकास एवं ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने किया। पहले दिन कई बड़ी घोषणाएं की गईं। केंद्र सरकार जल्द ही दिल्ली मेट्रो इंटरनेशनल लिमिटेड (Delhi Metro Global Expansion) (डीएमआईएल) बनाएगी। यह कंपनी न केवल भारत में, बल्कि अन्य देशों में भी मेट्रो नेटवर्क के विस्तारीकरण की दिशा में काम करेगी। स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम विकसित किया जाएगा।
मेट्रो सेवा में गुणवत्तापरक सुधार लाने और नए प्रयोग करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल अकादमी (Delhi Metro Global Expansion) का गठन किया जाएगा। यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के साथ मिलकर मेट्रो सेवा में नवाचार और नई तकनीक का समावेश करेगी। दिल्ली और आसपास की तरह मुंबई सहित देश के बड़े शहरों में भी रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर विकसित करने पर जोर दिया जाएगा।
सेक्टर-83 स्थित होटल हयात रिजेंसी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अर्बन मोबिलिटी के क्षेत्र में देश में तेजी से काम चल रहा है। भारत आज मेट्रो सेवा प्रदान करने में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। आने वाले करीब तीन सालों में हम अमेरिका को पीछे छोड़कर दूसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे, जिससे केवल चीन आगे रहेगा। यह भारत की तकनीकी और प्रबंधन क्षमता का प्रमाण है।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में उपस्थित जनसमूह के साथ सामूहिक गायन से की। उद्घाटन सत्र के दौरान उन्होंने तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री तोखन साहू ने कहा कि यह सम्मेलन हमारी सांस्कृतिक विरासत और विकास के संकल्प दोनों को एक साथ जोड़ता है।
एग्जिबिशन का किया अवलोकन
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने होटल परिसर में लगी शहरी विकास और गतिशीलता को दर्शाती प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने प्रदर्शनी में एक कंपनी द्वारा प्रदर्शित ईवी ऑटो में बैठकर उसका अनुभव लिया। केवल डेढ़ लाख रुपये का ईवी किट लगाकर 15 साल पुराने डीजल ऑटो को ईवी ऑटो में बदला जा सकता है। इस किट का इस्तेमाल लाखों निष्क्रिय वाहनों में संभव है। मंत्री ने कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड के वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट की जानकारी भी ली, जो भारत के सतत परिवहन मॉडल का हिस्सा है।
मेट्रो प्रोजेक्ट्स में स्वदेशी तकनीक का उपयोग
दिल्ली मेट्रो इंटरनेशनल लिमिटेड (डीएमआईएल) के गठन के साथ भारत अब मेट्रो प्रोजेक्ट्स के डिजाइन, संचालन और प्रबंधन में आत्मनिर्भर बनेगा। यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूत करेगी और देश को वैश्विक स्तर पर मेट्रो इंफ्रास्ट्रक्चर में प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
