CG BhaskarCG Bhaskar
Aa
  • ट्रेंडिंग
  • देश-दुनिया
  • राज्य
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
  • धर्म
  • शिक्षा
  • अन्य
Aa
CG BhaskarCG Bhaskar
Search
  • ट्रेंडिंग
  • देश-दुनिया
  • राज्य
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
  • धर्म
  • शिक्षा
  • अन्य
Follow US
Home » अपराध रोकने के लिए Delhi Police का मास्टर प्लान, झुग्गियों में शातिरों पर ऐसे रखी जाएगी पैनी नजर

अपराध रोकने के लिए Delhi Police का मास्टर प्लान, झुग्गियों में शातिरों पर ऐसे रखी जाएगी पैनी नजर

By Newsdesk Admin 21/03/2025
Share

दिल्ली , 21 मार्च 2025 :

राजधानी दिल्ली में साल दर साल बेतहाशा बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली पुलिस हर तरह की कवायद में जुट गई है। ऐसे में इन पर निगरानी की व्यवस्था के तहत जेजे क्लस्टर समितियां नजर रखेंगी।

पेटी क्राइम (सड़कों पर छीना झपटी, चोरी, लूटपाट व जेबतराशी) समेत अन्य अपराध में सबसे अधिक झुग्गियों में रहने वाले अपराधी शामिल होते हैं। ऐसे में इन पर निगरानी रखने के लिए गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने जेजे क्लस्टर समितियों का गठन किया है।

समिति के सदस्य अपने-अपने इलाके की झुग्गियों में नियमित बैठकें करेंगे और वहां के लोगों को अपराध के रास्ते पर चलने से रोकने के प्रयास करेंगे। झुग्गियों में शराब व ड्रग्स तस्करी समेत जुआ जैसे संगठित अपराध होते हैं, जिसके बारे में सूचना देने के लिए समिति के सदस्यों को पुलिस की आंख व कान के रूप से काम करना होगा।

पुलिस को कार्रवाई करना हो जाता है मुश्किल

पुलिस का कहना है कि जेजे क्लस्टर आर्थिक रूप से कमजोर आबादी के एक बड़े हिस्से का ठिकाना होता है जिसमें दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी-पटरी पर सब्जियां व अन्य सामान बेचने वाले व घरेलू कामगार रहते हैं। यहां रहने वाले लोगों को कोई सुविधा नहीं मिलती है। घनी आबादी और संकरी गलियां होने के कारण पुलिस की गाड़ियां वहां नहीं जा पातीं, और पुलिस को कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है।
सामाजिक संस्थाओं की कमी के कारण झुग्गियों में रहने वाले लोग पुलिस को बाहरी ताकत के रूप में देखते हैं। यह अविश्वास पुलिस को खुफिया जानकारी इकट्ठा करने या अपराध को प्रभावी ढंग से रोकने में मुश्किल बनता है। आर्थिक तंगी और शिक्षा के अभाव में झुग्गियों में रहने वाले अधिकतर किशोर व युवा लड़के जेबतराशी से लेकर लूट, झपटमारी, चोरी आदि अपराधों में शामिल हो जाते हैं। इनके लिए किशोर न्याय नीतियां और पुनर्वास कार्यक्रम हैं, लेकिन वे अपर्याप्त हैं।

एडिशनल एसएचओ होंगे समिति के अध्यक्ष

जेजे क्लस्टरों में पुलिसिंग के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, जो पुलिस को सामूहिक सहभागिता के साथ जोड़ता है। इसलिए जेजे क्लस्टर समितियों का गठन किया गया है। संबंधित थाने के एडिशनल एसएचओ समिति के अध्यक्ष, डिवीजन अफसर संरक्षक और सदस्य के रूप में बीट अफसर, यातायात पुलिस के जोनल अफसर, क्लस्टर में कार्यरत गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, प्रधान, आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी (यदि हो तो), क्लस्टर के पास रहने वाले अन्य प्रभावशाली व्यक्ति, जिनमें युवा, शिक्षक व छोटे व्यवसाय के मालिक शामिल होंगे।

समिति में गैर सरकारी सदस्यों की संख्या 12 से अधिक नहीं होगी। जिले के डीसीपी पहले अपने जिले में समितियों के गठन के लिए दो क्लस्टर की पहचान करेंगे। तीन माह बाद उनके प्रदर्शन और प्रभाव की समीक्षा के बाद अन्य जगहों पर भी समिति के गठन के बारे में निर्णय लेंगे।

समिति विशिष्ट चुनौतियों से निपटने व चर्चा करने के लिए आवश्यकता अनुसार अन्य एजेंसियों जैसे एमसीडी, डूसिब, डीडीए, दिल्ली जल बोर्ड से विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में सदस्यों को शामिल कर सकती है। एसीपी पहले के तीन माह में दो बैठकों में भाग लेंगे। बाद में हर माह एक बैठक में भाग लेंगे। डीसीपी हर माह एक बार बैठक लेंगे। लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहने वाले किसी भी सदस्य को डीसीपी व एसीपी से अनुमति के बाद बाहर कर दिया जाएगा।

ये काम करेगी समिति

समिति क्लस्टरों में उभरते अपराधी खासकर किशोरों की पहचान करेगी, क्लस्टरों में विशेष रूप से रात में गश्त करने में सहायता करेगी। क्लस्टरों में सामने आने वाले मुद्दों के बारे में नागरिक एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करेगी। सत्यापन अभियान में मदद करेगी, सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाएगी। आसपास के सरकारी स्कूलों में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की सूची प्राप्त करेगी और उन्हें आगे की शिक्षा के लिए प्रेरित करेगी।राजधानी दिल्ली में साल दर साल बेतहाशा बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली पुलिस हर तरह की कवायद में जुट गई है। ऐसे में इन पर निगरानी की व्यवस्था के तहत जेजे क्लस्टर समितियां नजर रखेंगी।

पेटी क्राइम (सड़कों पर छीना झपटी, चोरी, लूटपाट व जेबतराशी) समेत अन्य अपराध में सबसे अधिक झुग्गियों में रहने वाले अपराधी शामिल होते हैं। ऐसे में इन पर निगरानी रखने के लिए गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने जेजे क्लस्टर समितियों का गठन किया है।

समिति के सदस्य अपने-अपने इलाके की झुग्गियों में नियमित बैठकें करेंगे और वहां के लोगों को अपराध के रास्ते पर चलने से रोकने के प्रयास करेंगे। झुग्गियों में शराब व ड्रग्स तस्करी समेत जुआ जैसे संगठित अपराध होते हैं, जिसके बारे में सूचना देने के लिए समिति के सदस्यों को पुलिस की आंख व कान के रूप से काम करना होगा।

पुलिस को कार्रवाई करना हो जाता है मुश्किल

पुलिस का कहना है कि जेजे क्लस्टर आर्थिक रूप से कमजोर आबादी के एक बड़े हिस्से का ठिकाना होता है जिसमें दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी-पटरी पर सब्जियां व अन्य सामान बेचने वाले व घरेलू कामगार रहते हैं। यहां रहने वाले लोगों को कोई सुविधा नहीं मिलती है। घनी आबादी और संकरी गलियां होने के कारण पुलिस की गाड़ियां वहां नहीं जा पातीं, और पुलिस को कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है।
सामाजिक संस्थाओं की कमी के कारण झुग्गियों में रहने वाले लोग पुलिस को बाहरी ताकत के रूप में देखते हैं। यह अविश्वास पुलिस को खुफिया जानकारी इकट्ठा करने या अपराध को प्रभावी ढंग से रोकने में मुश्किल बनता है। आर्थिक तंगी और शिक्षा के अभाव में झुग्गियों में रहने वाले अधिकतर किशोर व युवा लड़के जेबतराशी से लेकर लूट, झपटमारी, चोरी आदि अपराधों में शामिल हो जाते हैं। इनके लिए किशोर न्याय नीतियां और पुनर्वास कार्यक्रम हैं, लेकिन वे अपर्याप्त हैं।

एडिशनल एसएचओ होंगे समिति के अध्यक्ष

जेजे क्लस्टरों में पुलिसिंग के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, जो पुलिस को सामूहिक सहभागिता के साथ जोड़ता है। इसलिए जेजे क्लस्टर समितियों का गठन किया गया है। संबंधित थाने के एडिशनल एसएचओ समिति के अध्यक्ष, डिवीजन अफसर संरक्षक और सदस्य के रूप में बीट अफसर, यातायात पुलिस के जोनल अफसर, क्लस्टर में कार्यरत गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, प्रधान, आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी (यदि हो तो), क्लस्टर के पास रहने वाले अन्य प्रभावशाली व्यक्ति, जिनमें युवा, शिक्षक व छोटे व्यवसाय के मालिक शामिल होंगे।

समिति में गैर सरकारी सदस्यों की संख्या 12 से अधिक नहीं होगी। जिले के डीसीपी पहले अपने जिले में समितियों के गठन के लिए दो क्लस्टर की पहचान करेंगे। तीन माह बाद उनके प्रदर्शन और प्रभाव की समीक्षा के बाद अन्य जगहों पर भी समिति के गठन के बारे में निर्णय लेंगे।

समिति विशिष्ट चुनौतियों से निपटने व चर्चा करने के लिए आवश्यकता अनुसार अन्य एजेंसियों जैसे एमसीडी, डूसिब, डीडीए, दिल्ली जल बोर्ड से विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में सदस्यों को शामिल कर सकती है। एसीपी पहले के तीन माह में दो बैठकों में भाग लेंगे। बाद में हर माह एक बैठक में भाग लेंगे। डीसीपी हर माह एक बार बैठक लेंगे। लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहने वाले किसी भी सदस्य को डीसीपी व एसीपी से अनुमति के बाद बाहर कर दिया जाएगा।

ये काम करेगी समिति

समिति क्लस्टरों में उभरते अपराधी खासकर किशोरों की पहचान करेगी, क्लस्टरों में विशेष रूप से रात में गश्त करने में सहायता करेगी। क्लस्टरों में सामने आने वाले मुद्दों के बारे में नागरिक एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करेगी। सत्यापन अभियान में मदद करेगी, सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाएगी। आसपास के सरकारी स्कूलों में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की सूची प्राप्त करेगी और उन्हें आगे की शिक्षा के लिए प्रेरित करेगी।

You Might Also Like

पैर बांधकर शरीर पर लपेटा बिजली का तार, फिर लगाया करंट… बहन को तड़पा-तड़पाकर मारा, क्यों हैवान बना भाई?

पार्टी करने के बाद नहाना पड़ गया भारी, पानी में डूबने से दो युवकों की मौत…

कारोबारी सिद्धार्थ के डायरी से हुआ बड़ा खुलासा, रायपुर के होटल में रची गई थी घोटाले की साजिश…

सोनम का बैग जलाने का मामला: FSL टीम की जांच, प्रॉपर्टी ब्रोकर पर शक, गार्ड गिरफ्तार…

मध्यप्रदेश में रोजगार का बड़ा मौका: 4 हजार नियुक्ति पूरी, 7,400 पदों पर प्रक्रिया जारी…

Newsdesk Admin 21/03/2025
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram
Share
Previous Article पुष्पा’ स्टाइल में लकड़ी की तस्करी… तस्करों ने लगाया अनोखा जुगाड़, सेवन सीटर गाड़ी में मॉडिफाई कर बनाए चेंबर
Next Article नक्सल मुक्त पंचायतों को 1 करोड़ का इनाम! एनकाउंटर पर महंत और गृहमंत्री शर्मा आमने-सामने..

You Might Also Like

ट्रेंडिंगदेश-दुनिया

पैर बांधकर शरीर पर लपेटा बिजली का तार, फिर लगाया करंट… बहन को तड़पा-तड़पाकर मारा, क्यों हैवान बना भाई?

22/06/2025
ट्रेंडिंगदेश-दुनिया

पार्टी करने के बाद नहाना पड़ गया भारी, पानी में डूबने से दो युवकों की मौत…

22/06/2025
ट्रेंडिंगदेश-दुनिया

कारोबारी सिद्धार्थ के डायरी से हुआ बड़ा खुलासा, रायपुर के होटल में रची गई थी घोटाले की साजिश…

22/06/2025
ट्रेंडिंगदेश-दुनिया

सोनम का बैग जलाने का मामला: FSL टीम की जांच, प्रॉपर्टी ब्रोकर पर शक, गार्ड गिरफ्तार…

22/06/2025
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है। इसके साथ ही हम महत्वपूर्ण खबरों को अपने पाठकों तक सबसे पहले पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
क्विक लिंक्स
  • ट्रेंडिंग
  • देश-दुनिया
  • राज्य
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
  • धर्म
  • शिक्षा
  • अन्य

हमारे बारे में

मुख्य संपादक : डी. सोनी

संपर्क नंबर : +91 8839209556

ईमेल आईडी : cgbhaskar28@gmail.com

© Copyright CGbhaskar 2024 | All Rights Reserved | Made in India by Anurag Tiwari

Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?