सीजी भास्कर, 24 जून |
इंदौर से उज्जैन तक के सफर को आसान बनाने के लिए इंदौर-उज्जैन मेट्रो प्रोजेक्ट का काम तेज हो गया है। मप्र मेट्रो रेल कार्पोरेशन डिपो बनाने के लिए 20 हेक्टेयर (49.7 एकड़) भूमि तलाश रहा है। इंदौर और उज्जैन के आसपास इतनी सरकारी भूमि मिलने में दिक्कत है, इसलिए सांवेर के पास रेवती में जमीन मांगी गई है। कार्पोरेशन निजी भूमि भी तलाश रहा है पर प्राथमिकता सरकारी भूमि है।
कार्पोरेशन को निजी की तुलना में सरकारी भूमि लेना आसान होगा। सरकार यहां दूसरे विभाग की भूमि कार्पोरेशन को आवंटित कर सकती है और संबंधित विभाग को दूसरे स्थान पर भूमि आवंटित कर सकती है। जबकि निजी भूमि लेने के लिए लंबी प्रक्रिया है। सबसे पहले तो इतनी भूमि कई किसानों की जमीन को मिलाकर होगी, जिनसे सहमति लेने में देरी होगी। फिर मुआवजा प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ेगा। जिससे प्रोजेक्ट में देरी हो सकती है। कार्पोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि डिपो के लिए भूमि की तलाश जारी है, जो रेवती के पास मांगी गई है।
एलिवेटेड और अंडरग्राउंड रहेगी मेट्रो
कार्पोरेशन सूत्रों के अनुसार इंदौर-उज्जैन रोड पर मेट्रो को एलिवेटेड रखा जाएगा। इसके लिए सड़क के बीच स्थित डिवाइडर पर मेट्रो के पिलर खड़े किए जाएंगे। वहीं नानाखेड़ा से उज्जैन रेलवे स्टेशन तक मेट्रो अंडर ग्राउंड रहेगी। हालांकि कितने किमी का कितना हिस्सा एलिवेटेड रहेगा और कितना अंडरग्राउंड रहेगा, यह डीपीआर तैयार होने के बाद ही पता चलेगा।
दिल्ली मेट्रो के अधिकारी बना रहे डीपीआर
इंदौर-उज्जैन मेट्रो लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम दिल्ली मेट्रो के अधिकारी कर रहे हैं। यह रिपोर्ट जुलाई-अगस्त तक बनकर तैयार हो जाएगी। रिपोर्ट में प्रोजेक्ट कॉस्ट, फंड व्यवस्था, रूट अलाइनमेंट, डिपो निर्माण, स्टेशन, अंडर ग्राउंड रूट सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर विस्तार से काम किया जा रहा है। इस पर करीब 10 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
135 किमी की रफ्तार से दौड़ेगी मेट्रो
इंदौर व उज्जैन के बीच हाइब्रिड मोड में मेट्रो का संचालन किया जाएगा। यह 135 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलेगी। वर्तमान में दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन में इस तरह हाइब्रिड मोड में मेट्रो का संचालन किया जा रहा है। पूर्व में सिंहस्थ के पहले इंदौर से उज्जैन के बीच मेट्रो चलाने की योजना बनाई जा रही थी, लेकिन 10 हजार करोड़ रुपए का बजट जुटाना राज्य शासन के लिए आसान नहीं है। यही वजह है कि यह प्रोजेक्ट सिंहस्थ के पहले पूरा नहीं हो पाएगा।
8 स्टेशन बनेंगे इंदौर से उज्जैन तक
इंदौर से उज्जैन के बीच प्रस्तावित मेट्रो रेल के लिए स्टेशनों की संख्या और अलाइनमेंट तय कर लिया गया है। 47 किमी के इस रूट पर आठ स्टेशन बनेंगे। लवकुश चौराहे पर पहला और महाकाल लोक के सामने अंतिम स्टेशन बनेगा। रूट पर 70 फीसदी काम सड़क की सेंट्रल लाइन के अनुसार ही किया जाएगा।