सीजी भास्कर, 4 नवंबर। हवाई यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। अब रेलवे की तरह विमान टिकट की बुकिंग के 48 घंटे के भीतर मुफ्त रद्दीकरण या बदलाव संभव हो सकता है। विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA New Refund Rules India) ने टिकट वापसी और रिफंड से जुड़े नियमों में संशोधन का प्रस्ताव जारी किया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने सभी हितधारकों से 30 नवंबर तक इस पर राय मांगी है।
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो यात्री टिकट बुकिंग के 48 घंटे के भीतर बिना किसी शुल्क के टिकट रद्द या उसमें बदलाव कर सकेंगे। यह पहल यात्रियों को लचीलापन और पारदर्शिता दोनों प्रदान करेगी।
डीजीसीए के नए मसौदे के अनुसार, यदि टिकट किसी ट्रैवल एजेंट या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से खरीदा गया है, तो रिफंड की जिम्मेदारी एयरलाइंस की होगी। एजेंट को केवल प्रतिनिधि माना जाएगा। इसके साथ ही एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना होगा कि रिफंड प्रक्रिया 21 कार्य दिवसों (DGCA New Refund Rules India) के भीतर पूरी की जाए।
मसौदे में यह भी कहा गया है कि यदि किसी यात्री ने एयरलाइन की आधिकारिक वेबसाइट से टिकट बुक किया है और उसमें नाम की वर्तनी में त्रुटि रह जाती है, तो उसे 24 घंटे के भीतर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के सुधार करने का अधिकार होगा।
डीजीसीए ने स्पष्ट किया है कि एयरलाइन कंपनियों को ‘लुक-इन’ विकल्प देना होगा — यानी बुकिंग के 48 घंटे तक यात्री बिना कोई अतिरिक्त शुल्क दिए टिकट रद्द या संशोधित कर सकते हैं। हालांकि, संशोधित टिकट पर उस दिन के किराए के अनुसार शुल्क लागू होगा।
यह व्यवस्था घरेलू उड़ानों के लिए तब लागू होगी जब यात्रा तिथि टिकट बुकिंग के कम से कम पाँच दिन बाद की हो। वहीं, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए यह अवधि 15 दिन तय की गई है।
डीजीसीए (DGCA New Refund Rules India) ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि मेडिकल इमरजेंसी के मामलों में एयरलाइन कंपनियाँ टिकट की राशि यात्री को लौटा सकती हैं या ‘क्रेडिट शेल’ जारी कर सकती हैं। यह क्रेडिट नोट भविष्य की उड़ानों में उसी यात्री द्वारा इस्तेमाल किया जा सकेगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, टिकट रिफंड से जुड़ी शिकायतें हाल के महीनों में काफी बढ़ी हैं। ऐसे में यह संशोधन एयरलाइन इंडस्ट्री में यात्रियों का भरोसा मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
