सीजी भास्कर, 18 अक्टूबर। सनातन धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दीपावली (Diwali 2025) हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को धूम- धाम से मनाया जाता है। लेकिन, इस वर्ष तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बन रही है। कुछ लोगों का मानना है कि इस बार दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी, वहीं कुछ लोग 21 अक्टूबर को दिवाली मान रहे हैं।
आपको बता दें कि, दीपावली (Diwali 2025) पर माता लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है। इस त्योहार को खुशहाली, समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का द्योतक माना गया है।आइए जानते हैं इसकी इस पावन पर्व की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…
कब मनाई जाएगा दिवाली का पर्व
विद्वानों के अनुसार, इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर 2025, सोमवार की दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार की शाम 5 बजकर 55 मिनट पर होगा। पंडित और विद्वानों की मानें तो 21 अक्टूबर को कोई भी लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त उपलब्ध नहीं है। ऐसे में 20 अक्टूबर को ही दीपावली का पर्व मनाया जाएगा।
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त
पहला मुहूर्त: शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात्रि 08 बजकर 18 मिनट के बीच
दूसरा मुहूर्त: शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 03 मिनट तक
तीसरा और खास मुहूर्त: शाम 07 बजकर 08 मिनट से शाम 08 बजकर 18 मिनट के बीच
पूजा की तैयारी इस प्रकार करें
- दिवाली पर पूजा के लिए सबसे पहले चौकी पर लक्ष्मी व गणेश की मूर्तियां रखें। ध्यान रहे लक्ष्मीजी, गणेशजी के दाहिनी ओर रहें।
- इसके बाद कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों पर रखें।
- नारियल को लाल वस्त्र में लपेटें और कलश पर रखें।
- अब दो बड़े दीपक लें और इसमें एक में घी व दूसरे में तेल भरें।
- एक दीपक चौकी के दाईं ओर रखें व दूसरा मूर्तियों के चरणों में।
- इसके अलावा एक दीपक गणेशजी के पास रखें।
- मूर्तियों वाली चौकी के सामने छोटी चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं।
- कलश की ओर एक मुट्ठी चावल से लाल वस्त्र पर नवग्रह की प्रतीक नौ ढेरियां बनाएं।
- गणेशजी की ओर चावल की सोलह ढेरियां बनाएं।
- नवग्रह व षोडश मातृका के बीच स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।
- इसके बीच में सुपारी रखें व चारों कोनों पर चावल की ढेरी। सबसे ऊपर बीचों बीच ॐ लिखें।
- छोटी चौकी के सामने तीन थाली व जल भरकर कलश रखें।
पूजा विधि
- संकल्प लेकर पूजा आरम्भ करें।
- मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल और मिठाइयां अर्पित करें।
- देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें।
- इसके बाद आरती करें और शंख ध्वनि करें
- अब घर में थाल में पांच दीपक रखकर फूल आदि अर्पित करें।
- इसके बाद घर के अलग-अलग हिस्सों में दीपक रखें।
- अब प्रसाद वितरित करें।