सीजी भास्कर, 8 सितम्बर। राजधानी रायपुर में आवारा कुत्तों का आतंक (Dog Attack Horror ) लगातार बढ़ता जा रहा है। हर दिन शहर के सरकारी अस्पतालों में 10 से 15 केस डॉग बाइट के सामने आ रहे हैं। शनिवार को बीरगांव इलाके में दिल दहला देने वाली घटना हुई, जब घर के बाहर खेल रही दो साल की मासूम अनाया पर झुंड में आए आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया। बच्ची के सिर, हाथ और गले पर गहरे जख्म आए हैं। सिर की चमड़ी कई जगह से नोच ली गई और हालत नाजुक बनी हुई है। तुरंत उसे डीकेएस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की टीम लगातार इलाज कर रही है।
गुलाम मुस्तफा, जो बीरगांव निगम के गाजी नगर वार्ड क्रमांक 29 में परिवार के साथ रहते हैं, रोज़ी-रोटी के लिए ऑटो चलाते हैं। शनिवार शाम करीब पांच बजे उनकी बेटी घर के बाहर गली में निकली ही थी कि अचानक पांच से छह कुत्तों ने उसे घेर लिया और बेरहमी से काटना शुरू कर दिया। देखते ही देखते मासूम खून से लथपथ हो गई। शरीर पर लगभग पांच जगह गहरे जख्म हैं, जिनमें सिर के घाव सबसे गंभीर हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
इलाके के लोगों ने बताया कि बीरगांव में सार्वजनिक सुरक्षा (Public Safety Concern) अब बड़ा संकट बन चुका है। रात के वक्त गलियों और सड़कों पर निकलना मुश्किल हो गया है, क्योंकि कुत्तों के झुंड लोगों को दौड़ा लेते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद निगम स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। आलम यह है कि लगभग सभी वार्डों में कुत्तों का आतंक फैला हुआ है और लोग हर दिन डर के साए में जीने को मजबूर हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि समय रहते पशु नियंत्रण उपाय (Animal Control Measures) नहीं किए गए तो स्थिति और विकराल हो सकती है। बच्ची के साथ हुई यह दर्दनाक घटना फिर से इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान दिलाती है। सवाल उठता है कि आखिर कब तक शहरवासी आवारा कुत्तों (Dog Attack Horror ) के खौफ के बीच जिंदगी गुजारने को मजबूर रहेंगे।