सीजी भास्कर, 25 अप्रैल। छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी कामकाज को पूरी तरह डिजिटल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
अब राज्य के सभी सरकारी दफ्तरों में फाइलों का आदान-प्रदान केवल ई-ऑफिस (E Office In CG) सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने इस बाबत स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं, जिसमें सभी विभागों, कलेक्टरों और शासकीय संस्थाओं को ई-ऑफिस के अनिवार्य उपयोग का सख्त आदेश दिया गया है।
मुख्य सचिव ने कहा है कि इस निर्णय का उद्देश्य है प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना, कामकाज की गति बढ़ाना और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
अब मंत्रालय और उससे जुड़े सभी विभागों के बीच कोई भी पत्राचार या नोटशीट केवल ई-ऑफिस पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। कागज पर आधारित फाइलों का उपयोग, जिनमें फाइलें एक टेबल से दूसरी टेबल या एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय भेजी जाती थीं, पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
यदि किसी कार्यालय में ई-ऑफिस (E Office In CG) की सुविधा अस्थायी रूप से उपलब्ध नहीं है, तो वहां शासकीय ईमेल के माध्यम से आवश्यक दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया जाएगा। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में, जैसे न्यायालय के आदेश या कानूनी दस्तावेजों के मामले में, हार्डकॉपी को मान्यता दी जाएगी।
इस आदेश के तहत जिला कार्यालयों, संभागीय कार्यालयों और अन्य शासकीय संस्थाओं को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि मंत्रालय को भेजी जाने वाली हर जानकारी या फाइल केवल ई-ऑफिस (E Office In CG) रिसीप्ट या फाइल के रूप में ही भेजी जाए।
हर अधिकारी और कर्मचारी को यह आदेश तत्काल सूचित करना अनिवार्य किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति न उत्पन्न हो।
सरकार का यह कदम न केवल तकनीकी रूप से दक्ष प्रशासनिक प्रणाली की ओर एक निर्णायक पहल है, बल्कि यह समय, संसाधन और कागज की बचत कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। इससे सरकारी फाइलों की पारंपरिक “धक्का-मुक्की” खत्म होगी और कामकाज में तेजी आएगी।
अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि जिले और विभिन्न कार्यालय (E Office In CG) इस नई व्यवस्था को कितनी तेजी और कुशलता से लागू करते हैं। यह परिवर्तन न केवल तकनीक का विस्तार है, बल्कि शासन की सोच में आए बदलाव का भी संकेत है — एक स्मार्ट, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़।