महाराष्ट्र , 23 अप्रैल 2025 :
Maharastra Water Crisis: महाराष्ट्र में गर्मी दिन-ब-दिन तेज हो रही है और इसी के साथ पानी की मांग भी बढ़ती जा रही है. इसको देखते हुए डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र, किसी को भी पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना न पड़े. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों, नगरपालिका प्रमुखों और प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की है कि वे जमीनी हालात का खुद जायजा लें और जिन इलाकों में पानी की कमी है, वहां तत्काल आवश्यक कदम उठाएं.
शिंदे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी विभागीय आयुक्तों, कलेक्टरों, सीईओ और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि हमें जुलाई के मध्य तक पानी की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करनी है. साथ ही उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि प्रत्येक जिले में कितने पानी के टैंकर चल रहे हैं, इसकी स्थिति स्पष्ट रखें और इसकी तुलना पिछले साल से करें.
जिन जिलों ने अब तक जल संकट को लेकर कार्ययोजना नहीं सौंपी है, उन्हें दो दिन के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही, अस्थायी नल कनेक्शन की व्यवस्था और जलाशयों की सफाई जैसे कार्यों को भी तेजी से पूरा करने को कहा गया है. जहां जल परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं, वहां उन्हें शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.
कई स्थानों पर लोगों को मीलों दूर से पानी लाना पड़ता है. ऐसे इलाकों में तुरंत टैंकर सेवा शुरू की जाए. उन्होंने कहा कि मीडिया में जो खबरें पानी की समस्या पर आती हैं, उन्हें नजरअंदाज न करें बल्कि तुरंत संबंधित विभाग की ओर से सटीक जानकारी साझा करें.
टैंकरों पर GPS अनिवार्य
एकनाथ शिंदे ने जल संकट की गंभीरता पर चिंता जताते हुए कहा कि जैसे-जैसे जलस्तर नीचे जाता है, वैसे-वैसे पानी के स्रोतों के दूषित होने की आशंका भी बढ़ जाती है. ऐसे में यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि टैंकरों से सप्लाई हो रहा पानी पीने योग्य हो. उन्होंने टैंकरों की स्वच्छता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि सभी टैंकरों पर GPS लगाना अनिवार्य है ताकि उनकी निगरानी की जा सके और किसी भी तरह के दुरुपयोग को रोका जा सके.
डिप्टी सीएम ने यह भी निर्देश दिए कि हैंडपंपों की मरम्मत और अन्य जलापूर्ति योजनाओं पर तत्काल कार्रवाई की जाए. साथ ही, अवैध जल दोहन पर सख्ती बरतने की जरूरत है, ताकि लघु सिंचाई योजनाओं के माध्यम से पानी के अनावश्यक दोहन पर रोक लगाई जा सके.