सीजी भास्कर, 13 नवंबर | दुर्ग जिले में हुए Electric Shock Accident ने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा (Industrial Safety) पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वास्तिक इंजीनियरिंग वर्क्स में काम कर रहे मजदूर की काम के दौरान करंट लगने से मौत हो गई। हादसे के बाद परिजनों ने जमकर विरोध किया और मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा किया। अंततः कंपनी प्रबंधन ने तत्काल पांच लाख रुपए की सहायता देने का निर्णय लिया।
काम के दौरान हुआ Electric Shock Incident
जानकारी के मुताबिक, मृतक की पहचान नवल पटेल (25 वर्ष) निवासी छावनी के रूप में हुई है। नवल बीते एक वर्ष से स्वास्तिक इंजीनियरिंग वर्क्स (Swastik Engineering Works) में मजदूर के रूप में कार्यरत था।
12 नवंबर की सुबह वह रोज की तरह काम पर आया था। कार्य के दौरान क्रेन का हुक अचानक ऊपर से गुजर रहे हाई-वोल्टेज तार के संपर्क में आ गया। तेज झटके से नवल बुरी तरह झुलस गया और मौके पर ही गिर पड़ा। साथी मजदूरों ने तत्काल उसे भिलाई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मुआवजे की मांग पर परिजनों का प्रदर्शन
हादसे की खबर जैसे ही परिजनों तक पहुंची, वे कंपनी परिसर पहुंच गए और प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग करने लगे। परिजनों का कहना था कि अगर सुरक्षा उपकरण और पर्याप्त सावधानी बरती जाती तो यह दुर्घटना नहीं होती।
स्थिति को बिगड़ते देख कंपनी अधिकारियों ने बातचीत कर परिजनों को शांत कराया और मृतक के परिवार को ₹5 लाख का मुआवजा (Compensation Amount) देने की घोषणा की। इसके बाद परिजनों ने शव लेने पर सहमति जताई।
Electric Shock Accident: पुलिस ने संभाली स्थिति, जांच जारी
सूचना मिलने पर जामुल पुलिस (Jamul Police Investigation) मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। मृतक का शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल की मरच्युरी भेजा गया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है कि हादसा तकनीकी त्रुटि से हुआ या सुरक्षा लापरवाही के कारण।
फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र की कई फैक्ट्रियों में बेसिक Safety Protocols (Workplace Safety Rules) का पालन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की नियमित जांच हो और मजदूरों को सेफ्टी गियर उपलब्ध कराया जाए।
यह घटना चेतावनी है कि अगर समय रहते उद्योगों में सुरक्षा उपाय सख्ती से लागू नहीं किए गए, तो ऐसी त्रासदियां दोहराई जा सकती हैं।
