सीजी भास्कर, 20 दिसंबर। रायगढ़ वन मंडल के बंगुरसिया सर्किल के बडझरिया गांव के तालाब में एक हाथी के बच्चे (Elephant Calf) की डूबने से मौत हो गई। घटना के समय हाथी का बच्चा लगभग 6 माह का बताया जा रहा है और वह अपने झुंड के साथ तालाब में नहा रहा था। बच्चे की मौत के बाद आसपास के हाथियों की चिंघाड़ (Elephant Trumpeting) सुनाई देने लगी, जिससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया।
ग्रामीणों ने बताया कि तालाब के पास हाथियों की आवाज सुनकर वे सहमे और डर के मारे वन विभाग को सूचना दी। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बच्चे का शव कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बंगुरसिया क्षेत्र में लगातार 30 से अधिक हाथी (Elephants) आवाजाही कर रहे हैं और वे धान मंडी में भी धान को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
घटना के बाद हाथियों ने रात भर तालाब के आसपास डेरा जमाया। बताया गया है कि झुंड के हाथियों ने मृत बच्चे का शव स्वयं बाहर निकालकर जंगल की ओर ले गए। यह दृश्य ग्रामीणों और वन विभाग के कर्मचारियों दोनों के लिए चौंकाने वाला था। शनिवार सुबह वन विभाग ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, ताकि मौत के कारणों की पुष्टि की जा सके।
वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इस तरह के हादसे आमतौर पर बच्चों के खेल और तालाब में गहरे पानी के कारण होते हैं। उन्होंने ग्रामीणों से अनुरोध किया है कि हाथियों के आवागमन वाले क्षेत्रों में सावधानी बरतें और बच्चों को अकेले न छोड़ें।
विशेषज्ञों का कहना है कि हाथियों की चिंघाड़ (Elephant Trumpeting) उनके सामाजिक व्यवहार और खतरे की चेतावनी का हिस्सा है। मृत बच्चे के आसपास रातभर रहने और शव को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का कार्य झुंड के अन्य हाथियों ने किया, जो उनकी मातृत्व और समूहिक सुरक्षा की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
इस घटना ने ग्रामीणों के बीच चिंता और भय बढ़ा दिया है। वन विभाग अब तालाब के आसपास सुरक्षा उपाय बढ़ाने और हाथियों के मार्ग पर निगरानी बढ़ाने की योजना बना रहा है। ग्रामीणों को हाथियों के झुंड से सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।


