सीजी भास्कर, 22 सितंबर। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस शासनकाल में मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ रहे लिपिक सहायक ग्रेड-2 जयचंद कोसले (EOW Raid Chhattisgarh) के घर पर छापा मारा। अकलतरा के वार्ड नंबर 15 स्थित आंबेडकर चौक के पास उसके घर में सुबह छह बजे दबिश दी गई। यह कार्रवाई लगभग आठ घंटे तक चली। इस दौरान टीम को कई अहम दस्तावेज और लेन-देन से जुड़ी जानकारियां मिलीं।
सूत्रों के अनुसार जयचंद कोसले (EOW Raid Chhattisgarh) न केवल सचिवालय में पदस्थ रहा बल्कि वह कोल ब्लाक मामले में चर्चित आईएएस सौम्या चौरसिया का करीबी भी माना जाता है। सौम्या चौरसिया पर पहले से ही भ्रष्टाचार और अवैध लेन-देन में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं। ईओडब्ल्यू की इस कार्रवाई में जयचंद और सौम्या के बीच संबंध जांच की एक बड़ी कड़ी साबित हो सकते हैं।
कार्रवाई के दौरान टीम ने घर के हर कमरे की बारीकी से तलाशी ली। बैंक खातों, जमीन और संपत्ति से संबंधित दस्तावेजों की जांच की गई। अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में जयचंद कोसले की आय और उसकी संपत्ति में बड़ा अंतर पाया गया है। पहले से ही उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायतें दर्ज थीं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर ईओडब्ल्यू ने डीएसपी अजितेश सिंह के नेतृत्व में दर्जनभर अधिकारियों की टीम गठित कर दबिश दी।
जांच के दौरान (EOW Raid Chhattisgarh) मोहल्ले में बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और कार्रवाई पर चर्चा करते रहे। ईओडब्ल्यू की टीम का कहना है कि जब्त दस्तावेजों और बैंक खातों की गहराई से पड़ताल की जाएगी। अगर आरोपों की पुष्टि होती है तो जयचंद कोसले के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर आगे की विस्तृत जांच शुरू होगी।
करीब आठ घंटे की तलाशी के बाद टीम दोपहर दो बजे घर से बाहर निकली। इस कार्रवाई ने अकलतरा ही नहीं बल्कि पूरे जिले में हलचल मचा दी। गौरतलब है कि जयचंद कोसले के पिता दिनेश चंद कोसले कलेक्टर कार्यालय जांजगीर में पदस्थ हैं। ऐसे में परिवार की प्रशासनिक पृष्ठभूमि ने इस मामले को और चर्चित बना दिया है।
रायपुर स्थित निवास पर भी दबिश
राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की टीम (EOW Raid Chhattisgarh) ने रायपुर में भी पंजीबद्ध मामले के तहत कार्रवाई की। भादंवि की धारा 420, 120 बी, 384, 467, 468 और 471 के प्रकरण में रविवार को रायपुर और अकलतरा स्थित उसके आवास पर तलाशी की गई। आरोप है कि जयचंद कोसले, आईएएस सौम्या चौरसिया का मुख्य सहयोगी था, जिसने अवैध कोल लेवी वसूली के करीब 50 करोड़ रुपये का प्रबंधन किया। यह कार्रवाई आने वाले समय में और बड़े खुलासों का कारण बन सकती है।