सीजी भास्कर, 14 अक्टूबर। दीपावली के बाद इटावा सफारी पार्क (Etawah Safari Park Leopard Cubs) में आने वाले पर्यटक अब खुले मैदान में तेंदुआ के शावकों को खेलते और अठखेलियां करते देख सकेंगे। सफारी प्रशासन 21 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली लेपर्ड सफारी के पांच हेक्टेयर हिस्से में पहले चार शावकों को खुले में छोड़ेगा, जिनकी उम्र छह माह से एक वर्ष के बीच है। अभी तक ये सभी पिंजरों में रखे गए थे।
सफारी में 24 तेंदुए हैं, जिनमें 10 शावक शामिल हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी के निर्देश पर टूटी फेंसिंग की मरम्मत कर सुरक्षा व्यवस्था पूरी कर ली गई है। तेंदुओं के खुले में विचरण (Etawah Safari Park Leopard Cubs) से पर्यटकों को नया रोमांच मिलेगा और सफारी की आकर्षण सूची में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा। यहां पहले से शेर, हिरण, काला मृग (एंटीलोप) और भालू की भी सफारी हैं।
चार शावकों से होगी शुरुआत, निगरानी में रहेगा उनका व्यवहार
सफारी प्रशासन के मुताबिक, पहले चरण में केवल चार तेंदुआ शावकों को खुले क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। इन पर लगातार निगरानी रखी जाएगी ताकि पर्यटकों और जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित रहे। सफारी निदेशक अनिल पटेल ने बताया कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक लेपर्ड सफारी (Etawah Safari Park Leopard Cubs) को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। फिलहाल पार्क में 24 तेंदुए मौजूद हैं। यह निर्णय न सिर्फ वन्यजीव संरक्षण के लिए बल्कि पर्यटकों को रोमांचक अनुभव देने की दिशा में भी बड़ा कदम माना जा रहा है।
सुरक्षा को देखते हुए फेंसिंग को मजबूत किया गया है और निगरानी टीम 24 घंटे एक्टिव रहेगी।
सफारी पार्क में शेर, हिरण और भालू भी आकर्षण का हिस्सा
इटावा सफारी पार्क (Etawah Safari Park Leopard Cubs) में फिलहाल 19 शेर, 160 एंटीलोप, 90 चीतल, 18 सांभर, दो बारहसिंघा और छह भालू हैं। पर्यटक यहां एक ही जगह पर अलग-अलग प्रजातियों के वन्यजीव देख सकते हैं। सफारी पार्क में भारतीय पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 250 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 625 रुपये है। हर सोमवार को सफारी पार्क बंद रहता है, जबकि बाकी दिनों में रोज़ औसतन 300 से ज्यादा पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
आसान पहुंच दिल्ली, लखनऊ और आगरा से कुछ ही घंटे की दूरी
सड़क मार्ग से सफारी पार्क तक आगरा और ग्वालियर से मात्र दो घंटे और लखनऊ से साढ़े तीन घंटे में पहुंचा जा सकता है। दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर स्थित इटावा जंक्शन से सफारी पार्क की दूरी केवल चार किलोमीटर है। यहां से ऑटो और टेंपो की सुविधा भी आसानी से मिल जाती है। सफारी पार्क से 1 से 5 किलोमीटर की दूरी पर कई निजी होटल स्थित हैं, जहां पर्यटक ठहर सकते हैं।
सफारी प्रशासन को उम्मीद है कि तेंदुआ शावकों के खुले में छोड़े जाने से न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। इस फैसले से इटावा सफारी पार्क (Etawah Safari Park Leopard Cubs) उत्तर प्रदेश के वन्यजीव पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है। अगले चरण में सभी 24 तेंदुओं को भी नियंत्रित निगरानी में खुले मैदान में छोड़ा जाएगा।