सीजी भास्कर, 1 मार्च। दुर्ग: दुर्ग जिले में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस अधीक्षक जीतेंद्र शुक्ला पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद थाना पुरानी भिलाई के निरीक्षक महेश ध्रुव और महिला थाना प्रभारी श्रद्धा पाठक के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई। यह मामला अब पुलिस प्रशासन और न्यायालय की अवमानना के रूप में चर्चा का विषय बन गया है।
आवेदिका पूनम शर्मा द्वारा भेजे गए शिकायत पत्र के अनुसार, माननीय न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, भिलाई-3 ने 27 जनवरी 2025 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें पुलिस को निर्देश दिया गया था कि वे थाना पुरानी भिलाई के निरीक्षक महेश ध्रुव और महिला थाना प्रभारी श्रद्धा पाठक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें। इस आदेश के बाद पुलिस महानिरीक्षक ने भी पुलिस अधीक्षक को आवश्यक निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बावजूद 20 फरवरी 2025 तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई।


शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि आवेदिका और उनके पति प्रोबीर शर्मा को आंध्र प्रदेश के पीठापुरम जिले से भिलाई लाने के दौरान न तो स्थानीय न्यायालय से अनुमति ली गई, और न ही वहां की पुलिस को सूचित किया गया। इसके साथ ही आरोप है कि महिला पुलिस कर्मी की अनुपस्थिति में कानून और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का उल्लंघन किया गया।
इसके अलावा, पूनम शर्मा ने बताया कि उन्हें महिला थाना भिलाई में सुबह 8:30 बजे तक हिरासत में रखा गया और पूछताछ के दौरान उनके दो मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए, लेकिन इस पर कोई पावती तक नहीं दी गई। देर शाम 7 बजे उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन मोबाइल फोन वापस नहीं किए गए।
आवेदिका का आरोप है कि पुलिस अधीक्षक ने जानबूझकर थाना अधिकारियों को आपराधिक कार्रवाई से बचाने के लिए एफआईआर दर्ज नहीं कराई, जिससे न्यायालय के आदेश की अवहेलना हुई। अब इस मामले में आवेदिका ने पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रमुख सचिव को भी पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, अगर जल्द कार्रवाई नहीं की जाती है तो आवेदिका न्यायालय की अवमानना याचिका दायर करने का विचार कर सकती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और न्यायालय के आदेश का पालन किया जाता है या नहीं।