सीजी भास्कर, 22 अगस्त। कार पार्किंग के विवाद में दबंगों ने सनबीम स्कूल के शिक्षक की बेरहमी से हत्या कर दी।
आरोपियों ने पहले ईंट से टीचर का सिर कुचला और फिर लोहे की रॉड से लगातार वार करते रहे।
जब तक शिक्षक ने दम नहीं तोड़ा, तब तक वे उन्हें पीटते रहे। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। मौके पर पुलिस पहुंची और जांच में जुटी है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है।
भेलूपुर थाना क्षेत्र के कबीरनगर स्थित मातृ छाया अपार्टमेंट का है। यहां 48 वर्षीय डॉ. प्रवीण झा अपने परिवार के साथ रहते थे। वे भगवानपुर स्थित सनबीम स्कूल में शिक्षक थे।
गुरुवार देर रात वह बाजार से लौटे और अपनी कार अपार्टमेंट के बेसमेंट में खड़ी कर दी।
उसी दौरान अपार्टमेंट के कुछ लोग पार्किंग को लेकर आपत्ति जताने लगे।
लोहे के रॉड से किया वार
शुरुआत में प्रवीण झा कार हटाने के लिए तैयार हो गए, लेकिन इसी बीच उनके और दो लोगों प्रवीण कुमार झा व आदर्श सिंह के बीच कहासुनी शुरू हो गई।
विवाद इतना बढ़ा कि दोनों आरोपियों ने हाथापाई शुरू कर दी। देखते ही देखते मामला मारपीट में बदल गया।
दोनों ने शिक्षक को लात-घूंसों से पीटा और अचानक पास में रखी ईंट उठा कर सिर पर वार कर दिया।
कुछ ही देर बाद एक आरोपी लोहे की रॉड उठा लाया और शिक्षक के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर दिया।
लगातार वार से शिक्षक अचेत होकर जमीन पर गिर पड़े। आरोपियों ने उन्हें तब तक पीटा, जब तक उनकी सांसें थम नहीं गईं।
सिर पर गंभीर चोटें आईं
शोर-शराबा सुनकर अपार्टमेंट के अन्य लोग और पीड़ित का परिवार मौके पर पहुंचा।
आरोपी घटनास्थल से भाग खड़े हुए। घायल शिक्षक को परिजन तुरंत लाइफ हॉस्पिटल लेकर गए।
वहां से उन्हें हालत गंभीर देखते हुए बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।
डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि सिर पर गंभीर चोटों की वजह से टीचर की मौत हो चुकी है।
घटना की जानकारी मिलते ही भेलूपुर एसीपी गौरव कुमार पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे।
मृतक के परिजन ने आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रात भर दबिश दी और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। थाने में उनसे पूछताछ की जा रही है।
क्या बोले एसपी?
एसीपी गौरव कुमार ने बताया कि मामला पूरी तरह से पार्किंग विवाद से जुड़ा हुआ है।
आरोपी पहले से ही झगड़ालू प्रवृत्ति के थे। उन्होंने कहा कि परिजन की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस दर्दनाक घटना से क्षेत्र में दहशत फैल गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि महज कार पार्किंग जैसी छोटी-सी बात पर किसी की जान लेना कहां तक उचित है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
परिजन का कहना है कि डॉ. प्रवीण झा शांत स्वभाव के थे और कभी किसी से विवाद नहीं करते थे। उनका इस तरह से जाना परिवार और छात्रों के लिए गहरा आघात है।