सीजी भास्कर, 28 जुलाई |
छत्तीसगढ़ न्यूज़ | कांवड़ यात्रा 2025 – छत्तीसगढ़ की पवित्र धरती पर सावन के तीसरे सोमवार को श्रद्धा और भक्ति की नई मिसाल देखने को मिली। कवर्धा में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा, अरुण साव और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की।
आसमान से बरसे फूल, “हर-हर महादेव” से गूंजा माहौल
रायपुर से हेलीकॉप्टर में सवार होकर पहुंचे सीएम व डिप्टी सीएम ने “हर-हर महादेव” के जयकारों के साथ कांवड़ियों का स्वागत किया। यह दृश्य श्रद्धा और सम्मान का अद्भुत संगम था।
भोरमदेव कॉरिडोर को मिलेगा नया रूप, अमरकंटक में भी निर्माण प्रस्ताव
सीएम साय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि –
“146 करोड़ रुपये की लागत से भोरमदेव कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन और धार्मिक यात्रा को बढ़ावा मिलेगा।”
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार से अमरकंटक में जमीन की मांग की गई है, ताकि छत्तीसगढ़ से आने वाले कांवड़ियों के ठहरने के लिए स्थायी विश्रामगृह बनाया जा सके।
पंचकोशी यात्रा: “छत्तीसगढ़ का प्रयागराज” राजिम में उमड़ा आस्था का सैलाब
गरियाबंद जिले के राजिम स्थित कुलेश्वर महादेव मंदिर में सावन के तीसरे सोमवार को पंचकोशी यात्रा का शुभारंभ हुआ। भक्तों ने त्रिवेणी संगम में स्नान कर महादेव का जलाभिषेक किया।
मान्यता है कि माता सीता ने वनवास के समय बालू से इस शिवलिंग की स्थापना की थी। यही से पंचकोशी यात्रा की शुरुआत होती है। इस बार यात्रा की शुरुआत पूर्व विधायक धनेंद्र साहू ने की।
33 KM की कांवड़ यात्रा: दुर्ग में गूंजा हर-हर भोलेनाथ
दुर्ग जिले में श्रद्धालुओं ने 33 किलोमीटर की पैदल कांवड़ यात्रा पूरी की। शिवनाथ नदी से जल लेकर कांवड़िये देवबलोदा के प्राचीन शिव मंदिर पहुंचे और जलाभिषेक किया।
यात्रा में पुरुषों ने भगवा गमछे, और महिलाओं ने केसरिया-पीली साड़ियों में पारंपरिक रूप से हिस्सा लिया। कई जगहों पर पुष्पवर्षा, आरती और जलपान की व्यवस्था की गई।
पेंड्रा में नर्मदा जल से अभिषेक: 8 किलोमीटर की यात्रा में उमड़ा भक्तों का सैलाब
पेंड्रा रोड के पास ज्वालेश्वर महादेव मंदिर तक 8 किलोमीटर पैदल यात्रा में भक्तों ने अमरकंटक की नर्मदा उदगम से जल लेकर शिवलिंग का अभिषेक किया।
भक्तों ने जल के साथ दूध, दही, बेलपत्र चढ़ाकर शिव से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की। मार्ग में आरती और भजन मंडलियों ने माहौल को और भक्तिमय बना दिया।