सीजी भास्कर, 24 नवंबर। छत्तीसगढ़ शासन एवं राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ द्वारा वन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों से वनोपज एवं औषधीय पौधों का संग्रहण और प्रसंस्करण कर ‘छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड’ (Forest Processing Unit) के नाम से उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। ये हर्बल उत्पाद न केवल स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हैं, बल्कि ग्रामीण आजीविका को भी मजबूत आधार प्रदान कर रहे हैं।
महिला स्व-सहायता समूहों को बड़ी मदद
पाटन के जामगांव एम में लगभग 111 एकड़ में स्थापित केन्द्रीय प्रसंस्करण इकाई (Forest Processing Unit) स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों के लिए रोज़गार का मजबूत माध्यम बनी है। यहां आंवला, बेल और जामुन से जूस, कैंडी, लच्छा, मुरब्बा, आरटीएस पेय सहित कई उत्पाद शुद्धता के साथ तैयार किए जा रहे हैं। केवल एक वर्ष में इस इकाई ने 44 लाख रुपये के उत्पाद तैयार कर बिक्री की। इन उत्पादों का विक्रय एनडब्ल्यूएफपी मार्ट और संजीवनी स्टोर के माध्यम से किया जा रहा है। इससे महिलाओं की आय में बढ़ोतरी हुई है और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में वे सक्षम हुई हैं।
20 हजार मीट्रिक टन का विशाल वेयरहाउस
यहां चार बड़े गोदाम बनाए गए हैं जिनकी संयुक्त क्षमता 20 हजार मीट्रिक टन है। इनमें कोदो, कुटकी, रागी, हर्रा कचरिया, चिरायता, कालमेघ, पलास फूल, साल बीज जैसी वनोपज का सुरक्षित भंडारण है। इनका विक्रय संघ मुख्यालय रायपुर द्वारा निविदा प्रक्रिया से किया जा रहा है। इन इकाइयों के जरिए अब तक 5200 से अधिक मानव दिवस का रोजगार सृजित हुआ है।
पीपीपी मॉडल पर स्थापित हर्बल एक्सट्रैक्शन यूनिट
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ और स्फेयर बायोटेक कंपनी ने मिलकर 6 एकड़ में हर्बल एक्सट्रैक्शन यूनिट स्थापित की है। इसका लोकार्पण वर्ष 2025 में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वन मंत्री केदार कश्यप ने किया था। यहां गिलोय, कालमेघ, बहेड़ा, जंगली हल्दी, अश्वगंधा, शतावरी जैसे वनोपज से औषधीय अर्क निकाला जाता है, जिनका उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयों और वेलनेस उत्पादों में होता है।
ग्रामीणों को स्थायी आय का भरोसा
स्फेयर बायोटेक द्वारा ग्रामीण संग्राहकों से वनोपज की पूरी खरीदी की जाएगी, जिससे उन्हें नियमित और उचित मूल्य मिलेगा। इस प्रसंस्करण इकाई, वेयरहाउस और एक्सट्रैक्शन यूनिट से ग्रामीणों, महिलाओं और संग्राहकों के लिए रोज़गार एवं आय के नए अवसर निरंतर बढ़ रहे हैं।
