सीजी भास्कर, 26 अक्टूबर। शासन स्तर से ट्रांसफर होने के बावजूद कार्यमुक्त नहीं किए जाने की विभागीय उदासीनता ने एक कर्मचारी (Government Employee Negligence) की जान ले ली। रामानुजगंज अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय में लगभग 25 वर्षों से रीडर के पद पर कार्यरत श्रवण कुमार गोंड का शुक्रवार शाम अंबिकापुर मिशन अस्पताल में निधन हो गया। वे बीते छह माह से किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे।
सूत्रों के अनुसार, श्रवण कुमार ने अपनी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए कई बार अपने गृह क्षेत्र लखनपुर के पास अंबिकापुर में पदस्थापना की मांग की थी ताकि वे बेहतर इलाज करा सकें। शासन ने 30 जून 2025 को उनका ट्रांसफर आदेश जारी कर दिया था, लेकिन रामानुजगंज कार्यालय से उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया।
बीमारी के बावजूद श्रवण कुमार लगातार ड्यूटी पर उपस्थित रहे। दीपावली अवकाश से ठीक पहले तक वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन (Government Employee Negligence) करते रहे। कुछ ही दिनों बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी, जिसके बाद परिवार ने उन्हें अंबिकापुर मिशन अस्पताल में भर्ती कराया। वहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
श्रवण कुमार अपने सहयोगियों में हंसमुख, मिलनसार और कर्मठ अधिकारी के रूप में जाने जाते थे। उनके सहकर्मियों का कहना है कि अगर विभाग ने समय पर उन्हें कार्यमुक्त कर दिया होता, तो वे अपने परिवार के बीच रहकर डायलिसिस और उपचार सही ढंग से करा पाते।
कर्मचारियों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश और दुख है। राजस्व विभाग के कर्मचारी संगठन ने इसे स्पष्ट प्रशासनिक लापरवाही बताया है और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई (Government Employee Negligence) की मांग की है।
स्थानीय कर्मचारियों ने यह भी खुलासा किया कि श्रवण कुमार बीमारी के बावजूद हर सप्ताह बलरामपुर जिला अस्पताल जाकर खुद ही डायलिसिस करवाते थे, क्योंकि छुट्टी या कार्यमुक्ति के लिए किए गए आवेदन अनसुने रह गए थे।
