सीजी भास्कर, 21 सितंबर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के लोहारीडीह हिंसा मामले में राज्य सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। कवर्धा जिले के कलेक्टर और एसपी को हटाने के बाद रेंगाखार थाना प्रभारी सहित 23 पुलिस कर्मियों को लाइऩ अटैच कर दिया गया है। इसके साथ ही रेगाखार थाने के प्रभारी डीएसपी के खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा दिया गया है।
रेगाखार थाना अंतर्गत ग्राम लोहारीडीह में 15 सितंबर को एक ग्रामीण की संदिग्ध मौत के चलते गांव के पूर्व सरपंच के घर में आगजनी और उसको जिंदा जलाने की घटना के बाद मामला बेहद संवेदनशील हो गया था । इस मामले में गिरफ्तार ग्रामीणों में से प्रशांत साहू नामक युवक की पुलिस पिटाई से मौत के बाद यह मामला और भी गरमा गया । प्रशांत साहू की पुलिस पिटाई में मौत के चलते गृह मंत्री विजय शर्मा ने एडिशनल एसपी विकास कुमार को सस्पेंड कर दिया था , । इसके बावजूद भी जब मामला शांत नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कवर्धा एसपी अभिषेक पल्लव और कलेक्टर जन्मेजय महोब को हटाने की कार्रवाई की थी । अब रेंगाखार थाना प्रभारी, एसआई महामंगलम, एसआई अंकिता समेत 23 पुलिसकर्मिसों को भी लाइन अटैच किया गया है। जबकि DSP संजय ध्रुव को हटाकर उनके स्थान पर कृष्णा चंद्राकर को कमान सौंपी गई है।
आपको बता दें कवर्धा जिले के लोहारडीह में 14 सितंबर की रात शिव प्रसाद साहू की पेड़ में लटकती लाश मिली थी। हत्या के शक में दूसरे दिन 15 सितंबर की सुबह आक्रोशित ग्रामीणों ने पड़ोस में रहने वाले पूर्व सरपंच रघुनाथ साहू के घर पर आग लगा दी। जिससे रघुनाथ साहू की जिंदा जलने से मौत हो गई थी ।
इस मामले में पुलिस ने 160 लोगों को आरोपी बनाया। वहीं गांव की 33 महिलाओं सहित 69 ग्रामीणों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया। इन आरोपियों में एक आरोपी प्रशांंत साहू की संदिग्ध परिस्थितियों में जेल में मौत हो गई। मृतक प्रशांत साहू के पूरे शरीर पर मारपीट और चोट के निशान है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस मारपीट की वजह से प्रशांत साहू की मौत हुई है।
प्रशांत साहू के अंतिम संस्कार में जेल से मां और भाई भी पहुंचे। इस दौरान प्रशांत की मां ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मेरा कपड़ा उतारकर मुझे भी खूब मारा।