सीजी भास्कर, 22 सितंबर। नवरात्र के पहले दिन से आम जनता को बड़ी राहत मिली है। रसोई (GST Rate Cut) के सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और दवाइयों तक, रोजमर्रा से जुड़े 295 आइटम अब पहले की तुलना में सस्ते हो गए हैं। केंद्र और राज्यों की जीएसटी परिषद ने 22 सितंबर यानी सोमवार से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में भारी कटौती करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस फैसले से मध्यम वर्ग, किसान, कारोबारी और आम उपभोक्ता सभी को राहत मिलेगी।
जीएसटी (GST Rate Cut) कटौती के दायरे में वे वस्तुएं भी आई हैं जिनका उपयोग हर घर में सुबह से रात तक होता है। इनमें घी, पनीर, मक्खन, नमकीन, केचप, जैम, सूखे मेवे, काफी, आइसक्रीम, दवाएं और डाइग्नोस्टिक किट जैसे मेडिकल उपकरण शामिल हैं। इसके अलावा टीवी, एसी, वाशिंग मशीन, दोपहिया वाहन, कार, अच्छे कपड़े-जूते जैसी वस्तुएं भी सस्ती हो गई हैं। किसानों को भी फायदा होगा क्योंकि खाद और कृषि उपकरणों पर जीएसटी घटने से खेती की लागत कम होगी। छोटे और मध्यम उद्यमियों को निर्माण लागत में राहत मिलेगी। घर बनाने की योजना बनाने वालों के लिए भी यह बड़ा तोहफा है क्योंकि सीमेंट पर जीएसटी अब 28 से घटकर 18 प्रतिशत हो गया है।
रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुएं हुईं सस्ती
सरकार ने उन उत्पादों पर भी राहत दी है जो हर घर में जरूरी हैं। हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप बार, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, टैल्कम पाउडर, फेस पाउडर, शेविंग क्रीम और आफ्टर-शेव लोशन जैसे उत्पाद अब कम कीमत पर मिलेंगे। माना जा रहा है कि इन वस्तुओं की मांग त्योहारों के दौरान और बढ़ेगी। अनुमान है कि नवरात्र से लेकर दिसंबर तक बिक्री में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। इससे खुदरा कारोबारियों को भी सीधा फायदा होगा।
ऑटोमोबाइल सेक्टर में राहत
जीएसटी दरों में कटौती का सबसे बड़ा असर ऑटोमोबाइल खरीदारों पर पड़ा है। छोटी कारों और बड़ी कारों की जीएसटी (GST Rate Cut) दरें क्रमशः 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत कर दी गई हैं। इससे मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए कार खरीदना आसान होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे ऑटो सेक्टर को नई ऊर्जा मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
सेवाओं पर भी बदलाव
जीएसटी परिषद ने सेवाओं की श्रेणी में भी बदलाव किए हैं। हेल्थ क्लब, सैलून, नाई की दुकान, फिटनेस सेंटर और योग सेवाओं पर अब टैक्स बोझ कम होगा। सौंदर्य और स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। हालांकि, इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा नहीं होगी।
इन सेक्टरों को मिलेगा लाभ
खाद्य वस्तुएं, कृषि संबंधी वस्तुएं, टेक्सटाइल, दवा, शिक्षा, आम आदमी से जुड़ी चीजें, उपभोक्ता वस्तुएं, फुटवियर आइटम, मशीनरी, कार, स्कूटर।
जीएसटी संरचना में बड़ा बदलाव
जीएसटी परिषद ने टैक्स संरचना को और सरल बनाने का प्रयास किया है। अब मुख्य रूप से दो स्लैब रहेंगे — 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत। एक 40 प्रतिशत का विशेष स्लैब भी बनाया गया है जिसमें गुटका, जर्दा, सिगरेट जैसे आइटम और 1200 सीसी से अधिक इंजन वाली या चार मीटर से लंबी कारें शामिल होंगी।
हालांकि 40 प्रतिशत जीएसटी के बावजूद बड़ी कारों के खरीदारों को राहत मिलेगी क्योंकि अभी उन पर 28 प्रतिशत जीएसटी और 22 प्रतिशत सेस लगता था। परिषद के फैसले से कुल 453 आइटमों पर जीएसटी दरें बदली गई हैं। इनमें से 40 आइटमों पर दरें बढ़ाई गईं, जबकि 413 आइटमों पर दरें घटाई गईं। इनमें 295 वस्तुएं रोजमर्रा के उपयोग की हैं। यह फैसला बाजार में खपत को बढ़ाने और अर्थव्यवस्था (Economic Impact) को गति देने के लिए अहम माना जा रहा है।
किसानों और उद्यमियों को फायदा
किसानों के लिए खाद और कृषि (GST Rate Cut) उपकरणों की लागत कम होना बड़ी राहत है। छोटे उद्यमियों और एमएसएमई को भी निर्माण और उत्पादन की लागत में कमी मिलेगी। इससे उनकी प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में मांग में इजाफा होगा। इससे आर्थिक गतिविधियां और तेज होंगी।
कोल्ड ड्रिंक्स होंगे महंगे
पेप्सी, कोक और अन्य कोल्ड ड्रिंक्स पर अब 40 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इससे ये पहले से महंगे हो जाएंगे। हालांकि, सरकार का तर्क है कि इससे अस्वस्थ पेय पदार्थों की खपत में कमी आएगी। जीएसटी परिषद का यह बड़ा निर्णय त्योहारों के मौसम में उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से न सिर्फ उपभोग बढ़ेगा बल्कि उत्पादन और बाजार में तेजी आएगी। कुल मिलाकर सरकार का लक्ष्य है कि आम जनता को राहत मिले और अर्थव्यवस्था को गति मिले। यह फैसला निश्चित रूप से रसोई, दवा, कपड़े, घर और वाहन तक सबको प्रभावित करेगा। यह बदलाव सीधे तौर पर उपभोक्ता की जेब पर असर डालेगा और रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाएगा। (Affordable Goods)