जांजगीर-चांपा की रात, जो सामान्य दिनों की तरह शांत दिखाई दे रही थी, अचानक एक हड़की हुई चीख में बदल गई। सुकली गांव के पास NH-49 पर लौट रही स्कॉर्पियो और सामने से आते एक ट्रक की इतनी तेज़ भिड़ंत हुई कि लोहे के पुर्ज़े दूर तक बिखर गए। शादी से लौट रहे आठ लोगों में से पांच ने मौके और अस्पताल—दोनों जगह ज़िंदगी की आखिरी लड़ाई हार दी।
इस पूरी घटना में लोग जिस शब्द को बार-बार दोहरा रहे हैं—“Highway Collision Tragedy” वहीं इस हादसे की पूरी सच्चाई को बयान करता है।
टक्कर कैसे हुई — स्पीड, धुंध और भारी वाहन की आक्रामक एंट्री
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रात करीब 1 बजे हाईवे पर हल्की धुंध थी। स्कॉर्पियो सामान्य रफ्तार में जा रही थी, तभी सामने से आ रहे ट्रक ने अचानक लाइन काटी और देखने से पहले ही जोरदार धमाका हुआ।
टक्कर के बाद जो आवाज़ गूंजी, उसने आस-पास के गांवों तक लोगों को बाहर खींच लिया। गाड़ियों के दांते चब चुके थे और स्कॉर्पियो उस हालत में थी कि पहचानना मुश्किल हो रहा था।
इससे जुड़ा एक और शब्द अब चर्चा में है—“Speed Impact Analysis” जिसे जांच टीमें घटना की गंभीरता समझने के लिए इस्तेमाल कर रही हैं।
राहत कार्य, टूटे दरवाज़े और आधे घंटे तक चलती सांसें
ग्रामीणों ने मोबाइल की लाइट और मोटरसाइकिलों की हेडलाइट्स के सहारे घायलों को निकालना शुरू किया। कुछ लोग सीढ़ियां लाए, कुछ दरवाज़े तोड़ने की कोशिश में जुटे। पुलिस और एम्बुलेंस पहुंची, लेकिन स्कॉर्पियो की हालत ऐसी थी कि बचाव दल को कई हिस्सों को काटना पड़ा।
हादसे में मौके पर ही तीन लोगों ने दम तोड़ दिया। दो अन्य ने अस्पताल में चलते-चलते आखिरी सांस ली।
राहतकर्मियों के मुताबिक, यह मामला सिर्फ टक्कर नहीं, बल्कि “Vehicle Safety Failure” जैसा भी प्रतीत होता है, क्योंकि स्कॉर्पियो की बॉडी स्ट्रक्चर पूरी तरह दब चुकी थी।
पहचानों के साथ टूटी उम्मीदें — सैन्यकर्मी भी शामिल
मृतकों में विश्वनाथ देवागन (43), राजेंद्र कश्यप (27), पोमेश्वर जलतारे (33), भूपेंद्र साहू (40) और कमलनयन साहू (22) शामिल हैं। इन पाँचों की खबर ने पूरे नवागढ़ को अंधेरे की खामोशी में डुबो दिया है।
सूत्रों ने पुष्टि की कि इनमें दो लोग सेना में काम कर रहे थे। उनमें से एक जवान की कुछ ही दिन पहले शादी हुई थी—छुट्टी पर आया था, और अपने गृह क्षेत्र में शादी की रस्में पूरी कर के परिवार संग लौट रहा था।
नवागढ़ की गलियों में अब जो बातें घूम रही हैं, वे सिर्फ ग़म की नहीं बल्कि सवालों की भी हैं—कहां चूक हुई? किस मोड़ पर यह Highway Collision Tragedy टाली जा सकती थी?
ट्रक चालक फरार, जांच तेज़—टायर मार्क्स से लेकर क्रैश रूट तक सब खंगाला जा रहा है
हादसे के तुरंत बाद ट्रक चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और रातभर हाईवे के आसपास सर्च चलाया गया।
जांच टीम टायर के निशानों, वाहन की दिशा, और दोनों गाड़ियों के क्रैश-डायनेमिक्स की बारीकी से जांच कर रही है। शुरुआती रिपोर्ट ओवरस्पीडिंग और गलत लेन प्रवेश को प्रमुख कारण मान रही है।
अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी रिपोर्ट मिलते ही दोषी चालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है।
हाईवे सुरक्षा की पोल, और रात में भारी वाहनों के संचालन पर फिर से चर्चा
स्थानीय लोग और सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ साफ कह रहे हैं कि NH-49 पहले से ही ब्लैक-स्पॉट की लिस्ट में शामिल है। रात में भारी वाहनों की अनियमित आवाजाही, रिफ्लेक्टिव बोर्डों की कमी और पुलिस गश्त का अप्रभावी होना—ये तीन बातें बार-बार उभर रही हैं।
अब क्षेत्रीय नागरिकों की मांग है कि हाईवे पर “नाइट-सेफ्टी ज़ोन”, “रियल-टाइम स्पीड ट्रैकिंग” और “ब्लैक-स्पॉट रीडिज़ाइन” जैसे सिस्टम लागू किए जाएं, ताकि आगे ऐसी त्रासदी दोबारा सामने न आए।
