सीजी भास्कर, 16 मई। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के ग्राम लोहरसिंह निवासी कृषक (Horticulture Success Story) पीतांबर नायक ने परंपरागत खेती से हटकर नवाचार की राह अपनाई और एक मिसाल कायम की है। जहां अधिकतर किसान आज भी धान पर निर्भर हैं, वहीं पीतांबर नायक अब तरबूज, पपीता, खीरा, करेला और खरबूज जैसी नकदी फसलों से हर सीजन में 8 से 10 लाख रुपये तक की आमदनी कर रहे हैं।
उनके पास लगभग 30 एकड़ कृषि (Horticulture Success Story) भूमि है, जिसमें से एक हिस्से में उन्होंने आधुनिक उद्यानिकी खेती शुरू की। इस बदलाव की शुरुआत राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन और उद्यानिकी विभाग के सहयोग से हुई, जिन्होंने उन्हें शेड नेट हाउस, पैक हाउस, ड्रिप सिंचाई और अन्य आधुनिक सुविधाएं प्रदान कीं।
इससे न केवल उत्पादन बढ़ा बल्कि फसलों की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ, जिससे उन्हें मंडियों में बेहतर दाम मिलने लगे। श्री नायक ने बताया कि पहले वे केवल धान की खेती से सीमित लाभ अर्जित करते थे, लेकिन सरकारी योजनाओं और तकनीकी मार्गदर्शन के चलते अब उनका रुझान उद्यानिकी फसलों की ओर बढ़ा है।
उनका मानना है कि यदि किसान (Horticulture Success Story) सरकारी योजनाओं का सही ढंग से उपयोग करें और आधुनिक तकनीक अपनाएं, तो खेती केवल आजीविका नहीं बल्कि लाभकारी व्यवसाय बन सकती है।
आज पीतांबर नायक न केवल खुद लाभ कमा रहे हैं, बल्कि अपने अनुभवों से आसपास के किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं। उनके फार्म में काम करने वाले युवा भी आधुनिक खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं।