सीजी भास्कर 27 नवंबर मध्य प्रदेश में IAS Santosh Verma Controversy लगातार गहराती जा रही है। एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिए गए उनके बयान को लेकर ब्राह्मण समाज में तीखा रोष है। मंगलवार से शुरू हुआ विरोध कई शहरों—नर्मदापुरम, ग्वालियर, बुरहानपुर, रायसेन, इटारसी और पिपरिया—तक फैल गया है। कई स्थानों पर समुदाय के लोगों ने पुतले जलाकर अपनी नाराज़गी जताई।
प्रशासन सख़्त, GAD ने मांगा जवाब—7 दिन में स्पष्टीकरण दें
विवाद बढ़ता देख राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। नोटिस में कहा गया है कि उनका बयान Social Harmony Disruption के दायरे में आता है, जिससे सामाजिक तनाव और वैमनस्य बढ़ सकता है। वर्मा को सात दिनों में अपना जवाब सौंपने को कहा गया है, अन्यथा विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी।
विवाद की जड़—सभा में दिए गए बयान को लेकर भड़का समाज
विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब वर्मा ने एक कार्यक्रम में कहा कि “जब तक किसी ब्राह्मण की बेटी मेरे बेटे को दान में नहीं दे दी जाती, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।” यह कथन Public Statement Issue बनकर सामने आया और तुरंत ही विभिन्न समुदायों में असंतोष उभर आया। वर्मा हाल ही में अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष बनाए गए हैं।
ग्वालियर में वकीलों का प्रदर्शन, FIR की मांग
ग्वालियर में सैकड़ों वकील और ब्राह्मण समाज के लोग वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। उन्होंने वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग रखी। SP ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि Hate Speech Allegation पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि तीन दिनों में FIR न दर्ज हुई तो आंदोलन और व्यापक होगा।
कई जिलों में बढ़ते विरोध, पुतला दहन कर जताया आक्रोश
राजगढ़ जिले में भी प्रदर्शनकारियों ने IAS अधिकारी का पुतला जलाकर विरोध जताया। वहीं राजधानी में भी अलग-अलग संगठनों ने पुलिस स्टेशन के सामने धरना दिया। समुदाय की मांग है कि विवादित बयान देने पर अधिकारी को तुरंत निलंबित किया जाए और कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए।
