IIITDM Student Death Jabalpur (आईआईआईटीडीएम स्टूडेंट डेथ जबलपुर) की खबर ने छात्रों और परिजनों को झकझोर कर रख दिया है. बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र उत्कर्ष तिवारी की मौत तब हुई जब वह पाणिनी हॉस्टल की चौथी मंजिल से गिर गया. दोपहर करीब 12 बजे हुए इस हादसे ने कैंपस को सन्नाटे में डाल दिया. साथी छात्र जब नीचे दौड़े तो उत्कर्ष गंभीर हालत में मिला, उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
19 साल की उम्र और टूटा सपना
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी 19 वर्षीय उत्कर्ष (IIITDM Student Death Jabalpur) ने महज एक महीने पहले ही संस्थान में दाखिला लिया था. पिता चंद्रकुमार तिवारी के सपनों को लेकर वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने आया था. लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ उस पर शिक्षा ऋण (Education Loan) का तनाव भी साया बनकर मंडरा रहा था.
शिक्षा ऋण को लेकर चिंता
संस्थान प्रबंधन ने प्राथमिक जांच में माना कि IIITDM Student Death Jabalpur की घटना शिक्षा ऋण से जुड़ी हो सकती है. उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उत्कर्ष ने जौनपुर के एक बैंक में एजुकेशन लोन (Education Loan) के लिए आवेदन किया था. घटना से ठीक पहले वह अपने चाचा से इस मुद्दे पर चर्चा भी कर चुका था.
पुलिस की जांच और परिवार का गम
पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है. क्या यह आत्महत्या थी या कोई हादसा—इस सवाल का जवाब अभी जांच पर टिका है. IIITDM Student Death Jabalpur की खबर मिलते ही उसका परिवार जौनपुर से जबलपुर पहुंचा. बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा.
युवाओं पर शिक्षा ऋण का दबाव
यह मामला सिर्फ एक छात्र की मौत नहीं, बल्कि एक गंभीर सवाल भी है—क्या शिक्षा ऋण (Education Loan Stress) युवा छात्रों पर इतना दबाव बना रहा है कि वे पढ़ाई के साथ मानसिक बोझ नहीं झेल पा रहे? IIITDM Student Death Jabalpur इस बहस को और गहरा करता है कि हमारे शिक्षा तंत्र में छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य और वित्तीय दबाव से उबारने के लिए क्या पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं.